ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बुधवार से भारत के दो दिवसीय दौरे मुबंई पहुंचे हैं. उनकी इस यात्रा के प्रमुख उद्देश्यों में India-UK मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत स्कॉटलैंड के व्हिस्की उद्योग को बढ़ावा देना भी शामिल बताया जा रहा है.
इस बीच खबर है कि भारत और यूके के बीच हुए मुक्त-व्यापार समझौते (FTA) के तहत जल्द ही भारत में Scotch व्हिस्की की कीमतें कम हो सकती हैं. खबर के मुताबिक Johnnie Walker Black Label, Glenfiddich, Chivas Regal और अन्य प्रीमियम व्हिस्की ब्रांडों की कीमतों में ₹200–₹300 प्रति बोतल तक की कमी संभव है. वहीं मिड-रेंज ब्रांडों जैसे Black & White, 100 Pipers वगैरह में भी लगभग ₹100–₹150 की कमी की उम्मीद जताई जा रही है.
बता दें, फिलहाल भारत में Scotch व्हिस्की पर 150% का भारी आयात शुल्क लगता है. इस FTA के तहत पहले यह शुल्क 75% तक घटाया जाएगा और अगले दशक में इसे 40% तक लाया जाना प्रस्तावित है.सरकार और उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से ब्रांडों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनना पड़ेगा और भारतीय बाजार में नई ब्रांडों की पैठ बढ़ेगी.
अगर इस डील पर मुहर लगती है तो स्कॉटिश इकोनॉमी को हर साल करीब 190 मिलियन पाउंड (लगभग 2263 करोड़ रुपये से ज्यादा) का लाभ होने का अनुमान है.
व्हिस्की पर बनी बात तो ये फायदे
डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार, स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के सदस्य और मैन्युफैक्चरर भी ब्रिटिश पीएम के साथ इस व्यापारिक मिशन का हिस्सा हैं. ये भारत में व्हिस्की बिक्री में एक अरब पाउंड सालाना की संभावित वृद्धि की संभावनाओं को तलाशने के लिए यहां आए हैं. इस डील के जरिए यूके में तकरीबन 1,000 से अधिक नई नौकरियां भी पैदा होने की उम्मीद जताी जा रही है.
बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद कीर स्टार्मर का यह पहला भारतीय दौरा है. इस दौरान वे भारतीय मंत्रियों और उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच व्यापार और राजनयिक संबंधों को गहरा करने पर बात करेंगे. ब्रिटिश पीएम 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें व्यापार समझौते पर चर्चा होगी. इस मामले पर ब्रिटेन के स्कॉटलैंड मामलों के मंत्री डगलस अलेक्जेंडर का कहना है कि यह ऐतिहासिक व्यापार समझौता स्कॉटलैंड और विशेष रूप से हमारे व्हिस्की उद्योग के लिए शानदार होगा.
24 जुलाई को समझौते पर हुए थे हस्ताक्षर
भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) अगले वर्ष ब्रिटिश संसद की मंजूरी के बाद लागू होगा, जिसके तहत भारतीय आयात शुल्क में बड़ी कटौती की जाएगी. स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी मार्क केंट ने कहा है कि भारतीय बाजार दुनिया का सबसे बड़ा व्हिस्की मार्केट है. शुल्क में ढील से भारतीय उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे और हमारे निर्यात के नए अवसर खुलेंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीते जुलाई की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हुए इस समझौते से न सिर्फ व्हिस्की, बल्कि शॉर्टब्रेड और फेमस ड्रिंक 'आयरन ब्रू' जैसे अन्य स्कॉटिश प्रोडक्ट्स को भी बड़ा फायदा होगा. India-UK ने 24 जुलाई को व्यापक आर्थिक व्यापार समझौते पर साइन किए थे, जो ब्रिटेन को भारत के 99% निर्यातों को शुल्क-मुक्त पहुंच देता है और ये लगभग पूरे व्यापार क्षेत्र को कवर करता है.
125 लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ आए स्टार्मर
प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर 125 ब्रिटिश सीईओ, उद्योगपतियों और अन्य नेताओं के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हैं. उनके साथ ब्रिटेन के व्यापार सचिव पीटर काइल और इन्वेस्टमेंट मिनिस्टर लॉर्ड जेसन स्टॉकवुड भी हैं. इसके अलावा इसमें रोल्स-रॉयस, ब्रिटिश टेलीकॉम, डियाजियो, लंदन स्टॉक एक्सचेंज और ब्रिटिश एयरवेज के सीईओ भी शामिल हैं.
ब्रिटिश सरकार के विश्लेषण के अनुसार, दोनों देशों के बीच यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को 25.5 अरब पाउंड तक बढ़ाएगा और ब्रिटेन की जीडीपी में 4.8 अरब पाउंड की बढ़ोतरी करेगा. यही नहीं ये समझौता लॉन्ग टर्म में ब्रिटिश कामगारों की आमदनी में भी 2.2 अरब पाउंड सालाना की बढ़ोतरी करने वाला साबित होगा.