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US टैरिफ के चक्‍कर में कंफ्यूज मार्केट... तेजी पर खुला फिर गिरा, 10% तक चढ़े ये शेयर

भारत पर टैरिफ लागू होने के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई है. लेकिन आज शुरुआती कारोबार में तेजी देखने को मिली. हालांकि कुछ देर बाद ही शेयर बाजार में फिर गिरावट आई.

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शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव (Photo: ITGD)
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव (Photo: ITGD)

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. अमेरिकी टैरिफ के कारण दो दिनों में शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई थी, लेकिन आज यह तेजी पर खुला. सुबह 9:22 बजे, बीएसई सेंसेक्स 112 अंक बढ़कर 80,193.25 पर, जबकि एनएसई निफ्टी 50.45 अंक बढ़कर 24,545.90 पर पहुंच गया. अस्थिरता थोड़ी कम होने से व्यापक बाजारों में भी तेजी आई. 

लेकिन ये तेजी ज्‍यादा देर तक बरकरार नहीं रही. 9.40 बजे बीएसई सेंसेक्‍स 62 अंक की उछाल पर रहा और निफ्टी 10 अंक की तेजी पर था. मिडकैप और स्‍मॉलकैप में आज भी बिकवाली देखने को मिली. BSE के टॉप 30 शेयरों में से 15 शेयर तेजी पर और 15 शेयर गिरावट पर कारोबार कर रहे थे. सबसे ज्‍यादा गिरावट महिंद्रा एंड महिंद्रा में 2.64 फीसदी की रही. वहीं Trent के शेयरों में 3 प्रतिशत से ज्‍यादा की तेजी रही. 

10 फीसदी तक चढ़े ये शेयर 

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कुछ शेयर अच्‍छी तेजी पर भी रहे. 10 फीसदी की तेजी के साथ Advanced Enzyme Technologies के शेयर 359 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. RBL बैंक के शेयर में 3.85 फीसदी की तेजी रही, जो 260 रुपये पर था. कारट्रेड टेक के शेयर 4.21 फीसदी की तेजी पर थे. कोलगेट के शेयर में 2 फीसदी, ओला इलेक्‍ट्र‍िक के शेयर करीब 3 फीसदी और यस बैंक के शेयर में 2.46 फीसदी की उछाल रही.  

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48 शेयरों में लोअर सर्किट
बीएसई पर 48 शेयरों में लोअर सर्किट और 84 शेयरों में अपर सर्किट रहा. इसके अलावा, कुल 3,395 ट्रेडेड शेयरों में से 1,632 शेयर तेजी पर रहे और 1,585 शेयर गिरावट पर कारोबार कर रहे थे. इसके अलावा, 178 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ. 

टैरिफ के कारण दो दिनों में भारी गिरावट
गौरतलब है कि पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स में 1,500 अंकों की भारी गिरावट आई. यह दबाव मुख्य रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीद पर भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले से जुड़ी चिंताओं के कारण आया था.  डीलरों का कहना है कि दंडात्मक उपायों के बावजूद, भारतीय रिफाइनरियां सितंबर में रूसी तेल आयात में वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं. 

(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)

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