देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के एमडी और सीईओ राजेश गोपीनाथन (Rajesh Gopinathan) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. TCS में अभी उनका चार साल का कार्यकाल शेष था, लेकिन उसे पूरा होने से पहले ही राजेश गोपीनाथन कंपनी को अलविदा कह दिया. अपने इस फैसले पर उन्होंने कहा कि 'जिस दिन मन उठ जाए, उस दिन निकल जाने का.' एमडी और सीईओ के रूप में गोपीनाथन ने छह साल तक कंपनी की जिम्मेदारी संभाली है.
इस्तीफे पर क्या बोले गोपीनाथन?
सामान्य रूप से शर्मीले गोपीनाथन ने शुक्रवार की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जैसे ही वह बीज आपके दिल में आता है, आपको बाहर निकलना होगा. TCS के CEO के पद को लेकर उन्होंने कहा कि यह बैठने और मेरी भविष्य की योजनाओं के बारे में सोचने की सीट नहीं है. यह बैठने और TCS के भविष्य के बारे में सोचने की सीट है, जिस क्षण मेरे भविष्य के बारे सोचने की प्रक्रिया शुरू होती है. मुझे लगता है कि यह उचित है कि मैं दूर हट जाऊं और किसी और को ये जिम्मेदारी सौंप दूं.
TCS के साथ 22 साल लंबी पारी
TCS में गोपीनाथन ने 22 साल का वक्त गुजारा है. लंबे वक्त के बाद वो इस आईटी कंपनी से अलग हो रहे हैं. इन 22 वर्षों में से छह साल कंपनी की कमान उनके हाथों में रही. इस पद पर उनका कार्यकाल 21 फरवरी, 2027 तक था. 10 साल पहले उन्हें कंपनी में सीएफओ के रूप में अपना पहला सी-सूट मिला था.
उन्होंने कहा 'तिमाही-दर-तिमाही विकास और प्रदर्शन सुनिश्चित करने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण कुछ नहीं. लेकिन इसे लगातार करते हुए मुझे 10 साल हो गए हैं और मैंने इसके हर मिनट का आनंद लिया है. हालांकि, कभी-कभी जब आप उस माइलस्टोन तक पहुंच जाते हैं, तो आप सोचने लगते हैं कि आगे क्या है? यह निश्चित रूप से एक बड़ा ट्रिगर प्वाइंट था.'
साल 2001 में TCS से जुड़े थे गोपीनाथन
गोपीनाथन ने कहा कि आपको बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश और हल्का महसूस कर रहा हूं. मुझे नहीं पता कि मैं क्या करने जा रहा हूं, लेकिन मैं बिल्कुल अलग जगह पर हूं और बहुत खुश हूं. उन्होंने कहा कि पद से इस्तीफा देने का फैसला एक सप्ताह पहले किया था.
गोपीनाथन साल 2001 में टाटा इंडस्ट्रीज से टीसीएस में शामिल हुए थे और अमेरिका में टीसीएस की नई स्थापित ई-बिजनेस यूनिट को चलाया. वो बिजनेस फाइनेंस के वाइस प्रेसिडेंट के पद पर रहे. साल 2017 में एमडी और सीईओ बनने से पहले गोपीनाथन को फरवरी 2013 में मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में प्रमोट किया गया था.
गोपीनाथन ने कहा कि कंपनी के इतिहास में किसी सीईओ का समय से पहले अपना इस्तीफा सौंपना अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा कि अगर आपको छोड़ना ही है, तो हमेशा बेहतर सयम वही होता है जब सब कुछ अच्छा हो. ये मेरा नजरिया है.