प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Gensol इंजीनियरिंग लिमिटेड के प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मामला दर्ज कर लिया है. ये कार्रवाई कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत की गई है. सूत्रों के मुताबिक ये जांच SEBI की उस रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें फंड डायवर्जन (धन का दुरुपयोग) और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया था. सेबी की जांच में सामने आया था कि Gensol ने पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और IREDA से इलेक्ट्रिक वाहन खरीद और EPC कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए लोन लिया था, लेकिन इन फंड्स को निजी संपत्तियों और फर्जी कंपनियों में घुमा दिया गया.
Gensol के सह-प्रवर्तक पुनीत सिंह जग्गी को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है. ईडी अधिकारियों का कहना है कि उनकी गवाही से यह पता चल सकेगा कि कथित गड़बड़ी का दायरा कितना बड़ा है और इसमें किन अन्य अधिकारियों की भूमिका हो सकती है. ईडी ने कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम और अहमदाबाद स्थित दफ्तरों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत छापेमारी भी की है. मामले में अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी, दोनों प्रमोटर्स एजेंसी के रडार पर हैं.
सूत्रों के अनुसार कंपनी ने जो फंड इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद और EPC कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए लिए थे, उन्हें कथित तौर पर कई फर्जी कंपनियों में घुमाकर निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया. ईडी की जांच में आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है.
सेबी की जांच में Gensol Engineer के प्रमोटर्स पर कई खुलासे किए थे, जो कंपनी के पैसों का हेरफेर कर रहे थे. इतना ही नहीं, इन पैसे से ऐशो-आराम की चीजें खरीद रहे थे. इधर, कंपनी के शेयर हर दिन लोअर सर्किट लगा रहे थे. निवेशकों के पैसे हर दिन डूब रहे थे. इसी बीच प्रमोटर्स ने Gensol कंपनी से अपनी हिस्सेदारी भी बेची और वहां से भी बड़ा अमाउंट निकाला.