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कोरोना और महंगाई की डबल मार, मुरादाबाद में ठप पड़ा पीतल मूर्तियों का कारोबार 

पहले हर नवरात्रि पर मूर्तियों की इतनी डिमांड होती थी कि व्यापारियों को मूर्तियों की सप्लाई पूरी करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था. लेकिन इस बार रात्रि कर्फ्यू और कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर व्यापारी मुरादाबाद आने से परहेज करते रहे.

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पीतल मूर्तियों के कारोबार को नुकसान (फाइल फोटो)
पीतल मूर्तियों के कारोबार को नुकसान (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीतल मूर्ति कारोबार पर संकट
  • कोरोना की वजह से ठप पड़ी बिक्री

मुरादाबाद में पीतल की मूर्ति कारोबारियों बड़ा झटका लगा है. इस कारोबार को कोरोना और कच्चे माल की महंगाई की डबल मार पड़ी है. दुकानदारों का कहना है कि इस बार कोरोना के बढ़ते मामले और अचानक पीतल के दाम 150 रुपये किलो की वृद्धि के चलते देशभर से व्यापारी मुरादाबाद मूर्तियों की खरीदारी के लिए नहीं आए. 

पहले हर नवरात्रि पर मूर्तियों की इतनी डिमांड होती थी कि व्यापारियों को मूर्तियों की सप्लाई पूरी करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था. लेकिन इस बार रात्रि कर्फ्यू और कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर व्यापारी मुरादाबाद आने से परहेज करते रहे. ऐसे में व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है. 

देश-विदेश का बड़ा सेंटर

गौरतलब है कि मुरादाबाद पूरे विश्व में पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध है. मुरादाबाद से भारी मात्रा में पीतल के सामान के साथ पीतल की देवी-देवताओं की मूर्तियों के बिक्री का देश-विदेश में बड़ा सेंटर है.

 यहां से भारत में हर जगह देवी-देवताओं की मूर्तियों की सप्लाई होती है, वही विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए भी देवी देवताओं की मूर्तियों की सप्लाई यहां से भारी मात्रा में होती है. हर साल दिवाली से लेकर हिंदू धर्म के पर्वों पर देवी-देवताओं की मूर्तियों की भारी बिक्री होती है. ऐसे में साल में दो बार पड़ने वाली नवरात्रि पर दुर्गा माता समेत नौ देवियों की मूर्तियों की भारी मात्रा में बिक्री होती है.

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मूर्तियों की बिक्री में भारी गिरावट

लेकिन इस बार व्यापारियों की मानें तो मूर्तियों की बिक्री में भारी गिरावट आई है. इसकी वजह यह है कि एक तो अचानक कच्चे माल यानी पीतल के दाम में 150 रुपये प्रति किलो बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से मूर्तियों के रेट अचानक बढ़ गए हैं. दूसरे, मुरादाबाद में रात्रि लॉकडाउन के साथ-साथ देश में जगह-जगह कोरोना के केसेस बढ़ रहे हैं जिसकी वजह से व्यापारी भी मुरादाबाद आने से परहेज कर रहे हैं.

ऐसे में व्यापारियों के अनुसार, मुरादाबाद के बाजारों में सिर्फ लोकल लोग ही छोटी-छोटी मूर्तियां खरीद रहे हैं. देश के प्रमुख मंदिरों में भी मूर्तियों की सप्लाई की जाती है लेकिन कोरोना के चलते मंदिरों में भी इन दिनों मूर्तियों की डिमांड नहीं है. हर कोई कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरे से बचना चाह रहा है.

 

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