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CBI छापे के बाद अनिल अंबानी ने आरोपों से किया इनकार, SBI को लेकर कही ये बात!

एसबीआई ने कथित फ्रॉड मामले को लेकर अनिल अंबानी पर एफआईआर दर्ज कराया है, जिसे लेकर शनिवार को अनिल अंबानी के घर पर सीबीआई का छापा पड़ा. अनिल अंबानी ने सभी आरोपों से इनकार किया है.

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Anil Ambani (Photo: India Today)
Anil Ambani (Photo: India Today)

केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) ने शनिवार को रिलायंस कम्‍युनिकेशंस लिमिटेड (RCom) के डायरेक्‍टर अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवासा की तलाशी ली. इससे कुछ दिन पहले ही भारतीय स्‍टेट बैंक के साथ 2,929.05 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. 

FIR फाइल होने के बाद सीबीआई की टीमों ने दो स्‍थानों आरकॉम के अधिकारिक परिसर और अंबानी के आवास पर छापे मारे. यह कार्रवाई गुरुवार को SBI की शिकायत के आधार पर रिलायंस कम्‍युनिकेशंस लिमिटेड (RCom), अनिल डी अंबानी, अज्ञात लोक सेवकों और अन्‍य के खिलाफ एजेंसी द्वारा दर्ज की गई FIR के बाद की गई है. 

सीबीआई ने अंबानी के कफ परेड स्थित आवास 'सी विंड' पर छापेमारी की गई. सीबीआई ने बताया कि अंबानी और आरकॉम पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के कथित अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है. अब इसे लेकर अनिल अंबानी की तरफ से बयान सामने आया है. 

10 साल से भी पुराना मामला 
अंबानी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अनिल डी. अंबानी के आवास पर तलाशी कल दोपहर जल्दी पूरी हो गई. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा दर्ज की गई शिकायत 10 साल से भी ज्‍यादा पुराने मामलों से संबंधित है. उस समय, अंबानी कंपनी के नॉन-एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर थे और कंपनी के डेली मैनेजमेंट में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. 

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6 साल से NCLT में चल रहा मामला 
बयान में आगे कहा गया कि एसबीआई पहले ही पांच अन्‍य नॉन एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर्स के खिलाफ कार्रवाई वापस ले चुका है और अंबानी को चुनिंदा रूप से निशाना बनाया गया है. बयान में आगे कहा गया है कि रिलायंस कम्‍युनिकेशंन का प्रबंधन वर्तमान में SBI के लीडरशिप के तहत लेनदारों की समिति द्वारा किया जाता है और यह मामला छह साल से NCLT और अन्‍य न्‍यायिक मंचों पर पेंडिंग है. 

सभी आरोपों से किया इनकार 
प्रवक्ता ने कहा कि अंबानी सभी आरोपों और अभियोगों का दृढ़ता से खंडन करते हैं और अपना बचाव करेंगे. एसबीआई ने शुरुआत में 10 नवंबर, 2020 को अंबानी और कंपनी के खाते को 'धोखाधड़ी' के रूप में वर्गीकृत किया था और जनवरी 2021 में सीबीआई में शिकायत दर्ज की थी. हालांकि, 6 जनवरी, 2021 के दिल्ली उच्च न्यायालय के 'यथास्थिति' आदेश के बाद शिकायत वापस कर दी गई थी. 

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