बिहार के सासाराम जिले में मुहर्रम जुलूस निकालने के दौरान ताजिया 18000 बिजली के करंट की चपेट में आ गया. जिससे लगभग 10 लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई. घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने डेहरी-रोहतास मुख्य मार्ग को जाम कर सड़क पर आगजनी की. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह घटना पूरी तरह बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा है. क्योंकि जुलूस की पूर्व सूचना विभाग को पहले ही दे दी गई थी, इसके बावजूद भी बिजली आपूर्ति जारी रखी गई. घटना से आक्रोशित हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अकबरपुर के वीडियो को सस्पेंड करने की मांग करने के साथ-साथ मृतक व घायलों के परिजनों को उचित मुआवजा भी देने की मांग की.
जानकारी के अनुसार 27 तारीख की शाम 5 बजे मोहर्रम की जुलूस अकबरपुर में निकली थी. हजारों की संख्या में इस जुलूस में लोग शरीक थे. जब जुलूस निकल रहा था, तभी जुलूस 18000 लाइन से सट गया. जिससे 10 से 12 लोग करंट की चपेट में आ गए और झुलस गए. वहीं, घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई. घटना के बाद गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर दिया और वीडियो को सस्पेंड व मुआवजे की मांग पर अड़ गए.
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जुलूस में शामिल नेयाज तोराबी ने कहा की यह घटना नहीं है, बल्कि प्रशासन द्वारा सुनियोजित हत्या है. इस हत्या का मुकदमा स्थानीय वीडियो और सीओ पर किया जाना चाहिए. इन्हें पता है कि जहां से 4000 की संख्या में जुलूस निकल रहा है, वहां लाइट चालू है. बावजूद इसके लाइन नहीं कटवाया गया. आखिर लाइन किसकी मर्जी से चालू की गई. हम लोगों ने जुलूस की जानकारी विभाग को खुद लिखकर दी थी.
बावजूद इसके मामले में लापरवाही की गई. यह लापरवाही नहीं चलेगी. पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए. फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.