प्रशांत किशोर ने औपचारिक रूप से अपनी राजनीतिक पार्टी को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है. वह 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर औपचारिक रूप से अपनी पार्टी को लॉन्च करेंगे. उन्होंने ये जानकारी रविवार को बिहार की राजधानी पटना स्थित बापू सभागार में अपने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए की है. इसके साथ ही उन्होंने जय बिहार, जय-जय बिहार पर भी चर्चा की.
पीके ने जन सुराज के पदाधिकारियों से बापू सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी हमसे मिलने नहीं आए हैं, क्योंकि हम आपसे आपने संबंधित गांवों में आपके घर पर मिले थे. करीब एक करोड़ सदस्य 2 अक्टूबर को गांधी जयंती को मौके पर जन सुराज की नींव रखेंगे. पहले दिन 1.50 लाख लोगों को पदाधिकारी नामित करने के साथ शुरुआत करेगी.
उन्होंने जन सुराज की अगुवाई करने वाले विवाद को खारिज करते हुए कहा कि वह पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे. लेकिन नेता अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाएंगे जो राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए लोगों की ताकत को मजबूत करेंगे.
2025 में लाएंगे जनता का राज: PK
पीके ने दावा किया कि पार्टी 2025 में जनता का राज लाएगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेगी कि बिहार के जो लोगों काम की तलाश में पंजाब और हरियाणा जाते हैं, उन्हें अपने यहां रोजगार मिलेगा और आने वाले वक्त में बाहर के लोग बिहार में रोजगार की तलाश में आया करेंगे.
उन्होंने कहा कि आपने खुद को जन सुराज, यह पदयात्रा या इसके लोगों के साथ नहीं जोड़ा है. आपने खुद को उन लोगों के साथ जोड़ लिया है जो बिहार के लिए बेहतर विकल्प के लिए आंदोलन कर रहे थे, लेकिन विकल्प के अभाव में वे एक साथ आ गए हैं.
एक राजनीतिक विकल्प की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी अंतरात्मा और हमारे बच्चों के लिए हमारी चिंता अभी-भी मौजूद है. हम अपने और अपने बच्चों के लिए एक ऐसे सिस्टम तैयार करेंगे, जिससे लोग आश्चर्यचकित रह जाएंगे. ऐसा इसलिए, क्योंकि जिन्हें पहले 'बिहारी' कहकर अपमानित किया जाता था, वे ही शानदार सिस्टम को तैयार कर सकते थे.
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
पीके ने नीतीश पर निशाना साधते हुए पीके ने कहा कि मैं 2015 में उनके चुनाव प्रचार के लिए यहां आया था और उनके सभी पदाधिकारियों से मिलना चाहता था. मैंने उनका अभियान 2 जून 2015 को शुरू किया था, तब एसके मेमोरियल हॉल में 2,200 लोग थे. हम इस हॉल (बापू सभागार) को दस बार भर देंगे. अगर हम आगामी चुनावों में केवल डिग्री धारकों को मैदान में उतारना चाहते हैं तो क्या हमें इतने सारे स्नातक मिलेंगे. पीके ने कहा कि अंतिम फैसले पर पहुंचने से पहले इस मुद्दे पर इसी तरह की अन्य बैठकों में चर्चा की जाएगी.