
भारत-नेपाल सीमा पर बसा जयनगर शहर प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है. यह खूबसूरत नगरी कमला नदी के किनारे स्थित है, जो नेपाल के ग्लेशियरों से निकलकर यहां तक का सफर तय करती है. जयनगर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां से हिमालय की चोटियां और खुद एवरेस्ट पर्वत साफ दिखाई देता है.
नक्शे पर देखें तो एवरेस्ट बिल्कुल जयनगर की सीधी दिशा में स्थित है. जब मौसम साफ होता है, कोहरा नहीं होता और प्रदूषण कम होता है, तो यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी यहां से नंगी आंखों से दिखाई देती है. कभी साफ, कभी धुंधली, यह दृश्य साल भर अलग-अलग रूप में दिखता रहता है.
हिमालय के सबसे शानदार नजारे चैत-बैसाख (मार्च-अप्रैल) और आश्विन-कार्तिक (सितंबर-नवंबर) के महीनों में देखने को मिलते हैं. यानी वसंत पंचमी से होली और रामनवमी तक, और आश्विन की शुरुआत से दुर्गा पूजा और कार्तिक पूर्णिमा तक का समय सबसे बेहतरीन है.
सुबह और शाम का जादू
जयनगर की ऊंची इमारतों और कमला नदी पर बने बैराज से हिमालय का सबसे मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है. सूर्योदय से एक घंटा पहले से एक घंटा बाद तक और सूर्यास्त के एक घंटा पहले से एक घंटा बाद तक हिमालय की चोटियां हर पल अपना रंग बदलती रहती हैं.
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सुबह के समय बर्फ से ढकी चोटियां पहले तांबे के रंग की दिखती हैं, फिर सुनहली होकर चांदी की तरह चमकने लगती हैं. शाम के समय यही क्रम उल्टा होता है - चांदी से सुनहरी, फिर तांबई रंग लेकर आख़िर में अंधेरे में खो जाती हैं.
रेलवे कनेक्शन
जयनगर की एक और खासियत यह है कि यह नेपाल की एकमात्र रेलवे लाइन का शुरुआती स्टेशन है. नेपाल के लोग ट्रेन की सवारी करने के लिए जनकपुर होते हुए जयनगर आते हैं. यह रेल लाइन दोनों देशों के बीच संपर्क का महत्वपूर्ण साधन है.

जयनगर एक ऐसी सांस्कृतिक नगरी है जहां प्रकृति ने अपना सबसे खूबसूरत रूप दिखाया है और जहां से दुनिया की छत एवरेस्ट का दर्शन करना किसी सपने से कम नहीं है.