बिहार में गंगा, गंडक, कोसी महानंदा उफान पर हैं. उफनती नदियां जिस ओर निकलीं गांव के गांव जनमुक्त कर दे रही हैं. बिहार के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, 17 लाख के आस-पास लोग सीधेतौर पर इस बाढ़ की चपेट में हैं. स्कूल, कालेज, अस्पताल डूबे हुए हैं, विश्वविद्यालय में पानी घुस गया है.
बीच में बस सड़क बची है, बाकी सब डूबा है. दो सौ से अधिक गांव और मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं. अब समझ नहीं आ रहा है कि आखिर जाएं तो जाएं कहां... लगभग ढाई लाख की आबादी इस बाढ़ से प्रभावित हुई है.
पटना, भागलपुर, मुंगेर, कटिहार ये वो इलाके हैं, जो गंगा नदी की बाढ़ की चपेट में हैं. मुजफ्फऱनगर, सुपौल, खगड़िया, कटिहार, पूर्णियां में 3 नदियां उफान पर हैं-बागमती, कोसी औऱ महानंदा. सीवान और गोपालगंज में बूढ़ी गंडक उफान पर है.
बेगूसराय के 8 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में मटिहानी और शाम्हो प्रखंड है. हालांकि पिछले दो दिनों से पानी घटने का सिलसिला जारी है लेकिन पानी घटने की रफ्तार इतनी धीमी है कि लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है.
बेगूसराय जिले के गंगा किनारे बसे आठ प्रखंडों के सवा 3 लाख की आबादी इस भीषण बाढ़ की चपेट में है. शाम्हो, मटिहानी, बलिया और बछवारा प्रखंड भी बाढ़ की चपेट में है.
लखीसराय में एक पानी की तेज धारा में एक नाव पलट गई. नाव 10 से 12 लोग सवार थे, तेज हवा की वजह से नाव का बैलेंस गड़बड़ाया और पलट गई.