'बस इसी एक लाइन पर टिका है सीजफायर', युद्धबंदी के बाद अफगानिस्तान-PAK के बीच फिर टेंशन!

लंबे टकराव के बाद सीजफायर पर राजी हुए अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच स्थितियां नाजुक बनी हुई है. पाकिस्तान ने कहा है कि सीजफायर बस एक नाजुक लाइन पर टिका हुआ है. वहीं अफगानिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान तो अपने राजनीतिक विरोधियों को "आतंकवादी" कहता है. अफगान के विदेश मंत्री याकूब मुजाहिद ने कहा है कि "आतंकवादी" शब्द की कभी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं रही है.

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कतर-तुर्की के सहयोग से पाक-अफगान सीजफायर पर सहमत हुए हैं. (Photo:X/@AFGDefense) कतर-तुर्की के सहयोग से पाक-अफगान सीजफायर पर सहमत हुए हैं. (Photo:X/@AFGDefense)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:35 AM IST

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कायम युद्धविराम बेहद नाजुक संतुलन पर टिका है. पाकिस्तान ने एक बार फिर से अफगानिस्तान को धमकियां देनी शुरू कर दी है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि, "अफ़गानिस्तान से आने वाली कोई भी चीज इस समझौते का उल्लंघन होगी. सब कुछ इसी एक लाइन पर टिका है."

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को कहा कि इस्लामाबाद और काबुल के बीच सीजफायर समझौता इस मुद्दे पर टिका है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान पर हमला करने वालों पर कैसे लगाम कसता है. 

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ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्की और कतर द्वारा किए गए समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कोई भी घुसपैठ नहीं होगी." "हमारे बीच युद्धविराम समझौता है, बशर्ते कि पहले से लागू समझौते का कोई उल्लंघन न हो."

वहीं अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने पाकिस्तान को चेताया है. उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को समझौते के हर प्रावधान के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि काबुल इन शर्तों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, और चेतावनी दी, "अगर पाकिस्तान अपने दायित्वों को पूरा नहीं करता है, तो इससे समस्याएं पैदा होंगी।"

उन्होंने तुर्की और कतर जैसे मध्यस्थ देशों से काबुल और इस्लामाबाद के बीच समझौते के कार्यान्वयन में सहायता करने का भी आह्वान किया. 

आरोप निराधार, अतार्किक और अस्वीकार्य 

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की ओर से बार बार लगाए जा रहे भारत से जुड़े आरोपों को साफ-साफ खारिज किया और इस बेबुनियाद बताया. 
पाकिस्तान अफगानिस्तान पर फिजूल का आरोप लगाता है कि भारत उसकी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ करता है. इसके अलावा पाक
पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान (TTP) को 'फितना-अल हिन्दुस्तान' और 'फितना अल ख्वारिज' कहता है. पाकिस्तान इन विद्रोही संगठनों को भारत का सपोर्ट पाने का बेबुनियाद आरोप लगाता है. 

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अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने भारत द्वारा कथित तौर पर तालिबान को सपोर्ट करने के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, "ये आरोप निराधार हैं. हमारी नीति कभी भी अपने क्षेत्र का उपयोग अन्य देशों के विरुद्ध करने की नहीं होगी. हम भारत के साथ एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में संबंध बनाए रखेंगे और अपने राष्ट्रीय हितों के ढांचे के भीतर इन संबंधों को मज़बूत करेंगे.हमारा उद्देश्य संबंधों का विस्तार करना है, तनाव पैदा करना नहीं. पाकिस्तान के आरोप निराधार, अतार्किक और अस्वीकार्य हैं."

राजनीतिक विरोधियों को आतंकवादी कहता है पाकिस्तान- अफगानिस्तान

 मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने आगे जोर देकर कहा कि अगर कोई देश अफ़ग़ानिस्तान पर हमला करता है, तो वह अपनी ज़मीन की "बहादुरी" से रक्षा करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अफ़ग़ानिस्तान का अपनी मातृभूमि की रक्षा करने का एक लंबा इतिहास रहा है.

अफगानी रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तो अपने राजनीतिक विरोधियों को "आतंकवादी" कहता है.

याकूब मुजाहिद ने आगे कहा कि "आतंकवादी" शब्द की कभी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं रही है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की नीति पाकिस्तान सहित किसी भी अन्य देश के खिलाफ सशस्त्र समूहों का समर्थन नहीं करना है.

हमने नहीं किए काबुल पर हमले- पाकिस्तान 

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वहीं, अरब न्यूज़ को दिए एक अलग इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस बात को खारिज किया कि पाकिस्तान ने अमेरिका के कहने पर काबुल में हवाई हमले किए थे. उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह बकवास है और कुछ नहीं."

उन्होंने सवाल किया कि पाकिस्तान ऐसा क्यों करेगा. ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पिछले कुछ दशकों से अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान की दखलंदाज़ी काफ़ी हो चुकी है.

आसिफ ने कहा, "हम इससे दूर रहना चाहते हैं और सभ्य पड़ोसियों की तरह रहना चाहते हैं. हम अफगान मामलों में कोई दखल नहीं देना चाहते." उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान का अफगानिस्तान के भारत या किसी अन्य देश के साथ संबंधों से "कोई लेना-देना नहीं" है.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा, "बिल्कुल नहीं. वे अपने क्षेत्र में जो कुछ भी करना चाहते हैं और जिसका हमारे क्षेत्र में असर नहीं होता, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है."

बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल के दिनों में खूनी भिडंत हुई है. इस हमले में दर्जनों लोग मारे गए हैं. इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर समझौता हुआ है.

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