हीरे की घड़ी, सोने का हार और दस कंगन...महाकुंभ में अनोखे अंदाज में पर्यावरण बाबा

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में अगले महीने यानी जनवरी 2025 में होने वाले कुंभ के लिए बाबाओं का जमावड़ा शुरू हो गया है. ऐसे ही एक बाबा कुंभ नगरी प्रयागराज में पहुंच गए हैं, जिन्हें लोग पर्यावरण बाबा के नाम से जानते हैं. कुंभ मले के दौरान ये बाबा श्रद्धालुओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे और उपहार में पौधे देंगे.

Advertisement
 प्रयागराज:अरुण गिरी महाराज प्रयागराज:अरुण गिरी महाराज

आनंद राज

  • प्रयागराज,
  • 16 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

प्रयागराज में जनवरी 2025 से कुंभ मेला लग रहा है. 13 जनवरी 2025 से लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले में अब कई नामी बाबा पहुंचना शुरू कर दिए हैं. ये बाबा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगे.  वहीं हाथों में सोने का कंगन और हीरे से जड़ी घड़ी पहनने वाले पर्यावरण बाबा पहुंच गए हैं.

महामंडलेश्वर अवधूत बाबा का असली नाम अरुण गिरी महाराज है, लेकिन इन्हें एनवायरमेंट बाबा यानी पर्यावरण बाबा कहा जाता है. जो अब तक देश भर में एक करोड़ पेड़-पौधे लगा चुके हैं. और सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का काम करते हैं. यही वजह है कि इस बार कुंभ में बाबा अपने श्रद्धालुओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे साथ ही उनके पास आने वाले श्रद्धालुओं को पौधे भी गिफ्ट करेंगे.

Advertisement

संगम के तट पर बाबाओं का आगमन

संगम की रेती पर आयोजित होने वाले इस कुंभ में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु शामिल होंगे. 12 साल में होने वाले धार्मिक आयोजन को “ग्रीन कुंभ” का स्वरूप देने की पहल की जा रही है. कुंभ मेला 2025 की शुरुआत भले ही 13 जनवरी से हो लेकिन साधुओं का अखाड़े में आने का सिलसिला शुरू हो गया है. साथ ही अखाड़े ने छावनी प्रवेश शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ें: 'महाकुंभ एकता का महायज्ञ...', प्रयागराज में कई प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन पर बोले PM मोदी

वही अखाड़े की शान महामंडलेश्वर और तरह-तरह के साधु संत भी आ रहे हैं. इन्हीं साधु संतो में शामिल महामंडलेश्वर अरुणगिरी महाराज है. महामंडलेश्वर अपने शरीर पर सोने से जड़े हुए आभूषण पहने हुए हैं. जिनमें सोने की माला, अंगूठी और हीरे से जड़ी घड़ी भी शामिल है. एक नजर देखने से बाबा गोल्डन बाबा की तरह लगते हैं.

Advertisement

अरुण गिरी महाराज, पायलट बाबा के शिष्य हैं. और ये बाबा हर समय गहने से लदे रहते हैं. 10 तरह के रतन से जुड़ी कीमती अंगूठियां पहनते हैं और चांदी का एक धर्म दंड रखते हैं. हाथ में सोने के कई कड़े और बाजूबंद पहनते हैं और स्फटिक और क्रिस्टल की कीमती मलाई भी धारण करते हैं. इनके सभी आभूषण भगवान की मान्यता से जुड़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें: 'ये महाकुंभ एकता का महायज्ञ, जिसमें हर तरह के भेदभाव की आहूति दी जाती है', प्रयागराज में बोले PM मोदी

बाबा लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे

पर्यावरण बाबा कुंभ में इस मकसद के साथ पहुंचे हैं कि इस बार महाकुंभ में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए. जहां पर महाकुंभ में तमाम साधु संत लोगों को अध्यात्म से जुड़े कहानी किस्से और कथाएं सुनाएंगे, तो वहीं ये बाबा पर्यावरण से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सुनते हुए नजर आएंगे. इससे पहले भी बाबा ने कई अभियान पर्यावरण को लेकर चलाया है और कई हजार पेड़ लगा चुके हैं. पर्यावरण बाबा ने इस बार महाकुंभ में 51 हजार फलदार पेड़ बांटने का संकल्प लिया है. उनका कहना है 'आओ पेड़ लगाए जीवन बचाएं.'

यह भी पढ़ें: प्रयागराज: नारी सशक्तिकरण का जरिया बनेगा महाकुंभ 2025, श्रद्धालुओं को गंगाजल उपलब्ध कराएंगी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं

Advertisement

कुंभ मेले में पर्यावरण  पर खास ध्यान

इस कुंभ में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए बायोडिग्रेडेबल सामग्री, जैसे डोना-पत्ता, को बढ़ावा दिया जा रहा है और प्लास्टिक मुक्त कुंभ बनाने की कोशिश की जा रही है. 

महाकुंभ का यह नया रूप न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को मजबूती देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण संदेश को भी डिस्प्ले किया जाएगा. वही बाबा भी इस कुंभ में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएंगे.  ये एक चर्चित बाबा हैं, जिन्होंने सिंघस्थ कुम्भ में प्रशासन से 34 दिनों तक हेलीकॉप्टर से यज्ञ की अनुमति मांगी थी, इसी पहनावे के कारण लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement