आपके आधार कार्ड पर कई SIM Card एक्टिव हैं..., डिजिटल अरेस्ट का नया केस, ठगे 64 लाख

साइबर ठगी का नया केस सामने आया है, जहां विक्टिम के साथ 64 लाख रुपये ठगी हुई है. विक्टिम को झांसा दिया कि उनके आधार कार्ड पर कई सिम कार्ड एक्टिव हैं. इसके बाद विक्टिम को डिजिटल अरेस्ट किया और उनसे जांच के नाम पर रुपये मांगते रहे. उनसे वादा किया कि जांच के बाद उनको रुपये वापस कर दिये जाएंगे. आइये पूरे मामले के बारे में जानते हैं.

Advertisement
बुजुर्ग के साथ हुई 64 लाख रुपये की ठगी. (Photo: AI Generated) बुजुर्ग के साथ हुई 64 लाख रुपये की ठगी. (Photo: AI Generated)

अतुल तिवारी

  • नई दिल्ली ,
  • 19 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

साइबर ठगी का एक नया केस सामने आया है, जहां विक्टिम को बड़ी ही चालाकी के साथ शिकार बनाया है. गुजरात में वडोदरा शहर के मकरपुरा में रहने वाले विवेक सोनार को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया. इस दौरान उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और आखिर में 64.41 लाख रुपए की धोखाधड़ी की.

बुजुर्ग ने 15 अक्टूबर को वडोदरा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 336(2), 336(3), 338, 340(2), 54, 61(2) और आईटी एक्ट 66(d) के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू की गई है.

Advertisement

बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया और खाली किया बैंक खाता

67 साल के बुजुर्ग वडोदरा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट दर्ज करा चुके हैं. उन्हें 23 मई से 9 जून तक साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके डराया धमकाया. इस दौरान RTGS करवाकर उनके साथ 64,41,500 रुपये की धोखाधड़ी की है.

आधार कार्ड और सिम कार्ड का दिया झांसा

बुजुर्ग के मुताबिक 23 मई के दिन साइबर ठगों ने उन्हें पहली बार कॉल किया और उन्हें बताया गया, उनके आधार कार्ड के जरिए कुछ सिमकार्ड एक्टिव है और उनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया जा रहा है. इस समस्या से बचने के लिए उन्हें मुंबई साइबर क्राइम से ऑनलाइन जांच करवानी होगी.

लगाए फेक आरोप, कहा मनी लाउंड्रिंग जैसे केस में शामिल होने के आरोप 

मनी लाउंड्रिंग जैसा शब्द सुनकर परेशान बुजुर्ग ने साइबर ठगों द्वारा किए जा रहे वीडियो कॉल रिसीव करना शुरू किया. अज्ञात शख्स ने जांच के लिए विशाल ठाकुर नाम के फर्जी मुंबई साइबर क्राइम के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर से बुजुर्ग का संपर्क करवाया था. 

Advertisement

WhatsApp पर मांगा आधार कार्ड 

इसके बाद बुजुर्ग से जांच के नाम पर आधार कार्ड WhatsApp के जरिए मांगा था. बुजुर्ग को बताया गया था कि उनके आधार कार्ड से तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब जैसे अलग-अलग राज्यों में बैंक अकाउंट भी खुलवाए गए हैं. बुजुर्ग ने कहा था कि इनमें से किसी राज्य में वह कभी गए तक नहीं है, ना ही कोई अकाउंट ओपन करवाया है. 

WhatsApp से भेजे गए फेक लेटरपैड 

साइबर ठगों ने बुजुर्ग को डराने के लिए WhatsApp पर सीबीआई के फेक लेटरपैड और सिग्नेचर वाला एक लेटर भेजा. जिसके बाद जांच के दौरान बुजुर्ग ने अपने बैंक की डिटेल्स, म्युचुअल फंड, फिक्स डिपाजिट समेत अपने फ्लैट की जानकारी दी थी. बुजुर्ग के साथ अज्ञात साइबर ठग वीडियो कॉल के माध्यम से कनेक्ट थे, बुजुर्ग को कॉल कट नहीं करने, कोई और काम नहीं करने और घर से बाहर नहीं जाने तक की चेतावनी दी थी.

यह भी पढ़ें: Google की बड़ी तैयारी, Cyber fraud से बचाएगा ये फीचर, फोन पर ऐसे करेगा काम

RTGS के जरिए रुपये किए ट्रांसफर 

बुजुर्ग को 24 - 25 मई को पूरा दिन अनजान शख्स ने वीडियो कॉल किया, इस दौरान किसी अन्य का कॉल आता तो इसकी जानकारी भी अनजान शख्स को देनी होती थी.

Advertisement

26 मई के दिन साइबर ठगों द्वारा बुजुर्ग से वीडियो कॉल में कहा गया की, 14,98,700 रुपए आरटीजीएस (RTGS) करने होंगे. जैसे ही मामले से क्लीन चिट मिलेगी तो यह रुपए वापस दिए जाएंगे. बुजुर्ग ने रुपये RTGS से भेजकर रिसीप्ट साइबर ठगों को WhatsApp पर भेजी थी. 

27 मई के दिन भी दिनभर वीडियो कॉल के जरिए अज्ञात शख्स ने बुजुर्ग का संपर्क जारी रखा. 28 मई के दिन वीडियो कॉल दोबारा आया इस दौरान बुजुर्ग को आरबीआई के नाम वाला लेटरपैड पर लेटर भेजा और 20,65,800 रुपये का आरटीजीएस करने के लिए कहा गया. मामले से क्लीन चिट मिलने पर यह रुपए वापस दिए जाएंगे, ऐसा लेटर में लिखा था. बुजुर्ग ने पैसे RTGS किए. 

इसके बाद विक्टिम को डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे रुपये मांगते रहे. हर बार दावा करते कि जांच के बाद क्लीनचिट मिल जाएंगी, जिसके बाद आपकी रकम वापस कर दी जाएगी. 

यह भी पढ़ें: Cyber frauds: दिल्ली की महिला को 1 हजार के बदले मिला 1,300 रुपये का रिटर्न, आखिर में गंवा दिए 23 लाख

बुजुर्ग ने जांच के बाद वापस मांगे रुपये 

9 जून को बुजुर्ग ने अज्ञात शख्स से अब तक जमा कराए हुए पैसों के बारे में अपडेट मांगा. बुजुर्ग अब तक चार बार पैसों का ट्रांजैक्शन कर चुके थे. अज्ञात शख्स ने बुजुर्ग से कहा कि आपको आपके पैसे वापस मिल जाएंगे. रिफंड के लिए हम आपकी रिक्वेस्ट ले रहे हैं लेकिन इसके लिए एक बार फिर 14,38,500 रुपये RTGS करने होंगे. इसके बाद बुजुर्ग को उनके साथ हो रहे साइबर फ्रॉड की भनक लगी और अब 15 अक्टूबर को मामला वडोदरा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाया गया. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement