'धोनी ने टीम से बाहर किया, संन्यास लेना चाहता था...', वीरेंद्र सहवाग का चौंकाने वाला खुलासा

सचिन तेंदुलकर की सलाह वीरेंद्र सहवाग के काफी काम आई. सहवाग ने धमाकेदार वापसी की और अगली सीरीज में खूब रन बनाए. साथ ही वो भारतीय टीम के फिर से उप-कप्तान भी बने.  

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टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का चौंकाने वाला खुलासा (Photo: Getty Images) टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का चौंकाने वाला खुलासा (Photo: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST

वीरेंद्र सहवाग का शुमार भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम सलामी बल्लेबाजों में होता है. सहवाग ने अपने करियर के दौरान तूफानी अंदाज में बैटिंग की. सहवाग का टेस्ट में स्ट्राइक रेट 82.23 रहा, जबकि ओडीआई में वीरू ने 104.33 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. सहवाग ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 में भारतीय टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी.

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वीरेंद्र सहवाग ने अब एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. सहवाग ने कहा कि सचिन तेंदुलकर की एक सलाह के चलते ही वो 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में भाग ले पाए. सहवाग ने कहा कि 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया था, जिसके बाद वो संन्यास लेने का मन बना चुके थे.

वीरेंद्र सहवाग ने कमेंटेटर पद्मजीत सहवाग के यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2007-08 की सीरीज में शुरुआती तीन मुकाबले खेले और फिर एमएस धोनी ने मुझे टीम से बाहर कर दिया. इसके बाद मुझे कुछ समय तक टीम में नहीं चुना गया. तब लगा कि अगर मैं प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सकता, तो वनडे क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है.'

सचिन तेंदुलकर ने सहवाग से क्या कहा था?
वीरेंद्र सहवाग कहते हैं, 'फिर मैं सचिन तेंदुलकर के पास गया और उनसे कहा कि मैं वनडे से रिटायर होना चाहता हूं. सचिन ने कहा कि उन्होंने भी 1999-2000 में ऐसा ही दौर देखा था और वो भी संन्यास लेने की सोच रहे थे, लेकिन वो दौर चला गया. सचिन ने मुझसे कहा कि भावुक होकर कोई बड़ा फैसला मत लो, 1-2 सीरीज का वक्त दो और फिर सोचो.'

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वीरेंद्र सहवाग, (फोटो: Getty Images)

2008 की ट्राई-सीरीज में वीरेंद्र सहवाग का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और उन्होंने पांच मैचों में 81 रन बनाए. वहीं, गौतम गंभीर ने 55 की औसत से 440 रन बनाए और वो उस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. सचिन तेंदुलकर ने 10 पारियों में 44.33 के एवरेज से 399 रन बनाए और वो सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे. वो सीरीज भारतीय टीम ने अपने नाम की थी. 

देखा जाए तो सचिन तेंदुलकर की सलाह वीरेंद्र सहवाग के काफी काम आई. सहवाग ने धमाकेदार वापसी की और अगली सीरीज में खूब रन बनाए. साथ ही वो टीम के दोबारा उप-कप्तान भी बने. सहवाग 2012 तक एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम के अहम सदस्य रहे. सहवाग ने भारतीय टीम के लिए आखिरी मुकाबला मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद में खेला, जो एक टेस्ट मैच था. 20 अक्टूबर 2015 को अपने बर्थडे पर सहवाग ने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी.

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