'भगदड़ के लिए RCB जिम्मेदार, पुलिस कोई जादूगर या भगवान नहीं', बेंगलुरु हादसे की जांच में बोला ट्रिब्यूनल

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने 4 जून को बेंगलुरु में हुई भगदड़ के लिए RCB को जिम्मेदार ठहराया है. टीम ने बिना पुलिस की अनुमति के सोशल मीडिया पर अचानक विजय जुलूस की घोषणा कर दी, जिससे लाखों की भीड़ जमा हो गई. इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई और कई घायल हो गए.

Advertisement
आईपीएल खिताब जीतने के बाद आरसीबी की टीम. आईपीएल खिताब जीतने के बाद आरसीबी की टीम.

नलिनी शर्मा

  • बेंगलुरु,
  • 01 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए RCB (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) को जिम्मेदार ठहराया है. टीम ने बिना पुलिस की अनुमति के सोशल मीडिया पर अचानक विजय जुलूस की घोषणा कर दी, जिससे लाखों की भीड़ जमा हो गई. इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी.

न्यायाधिकरण ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'इसलिए प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि लगभग तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ इकट्ठा होने के लिए RCB जिम्मेदार है. RCB ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली. अचानक सोशल मीडिया पर जानकारी पोस्ट की गई और उसी के परिणामस्वरूप लोग एकत्र हुए.'

Advertisement

न्यायाधिकरण ने RCB द्वारा अचानक किए गए समारोह के ऐलान को 'अव्यवस्था' फैलाने वाला' करार दिया. आदेश में कहा गया, 'RCB ने बिना किसी पूर्व अनुमति के अचानक इस प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न की. यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि केवल 12 घंटों में पुलिस सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पुलिस अधिनियम या अन्य नियमों के अनुसार कर पाएगी.'

RCB ने अपनी पहली IPL जीत के अगले दिन यानी 4 जून को एक विजय जुलूस के आयोजन की घोषणा सोशल मीडिया पर की थी. न्यायाधिकरण ने पुलिस की भूमिका का बचाव करते हुए कहा, 'पुलिसकर्मी भी इंसान हैं. वे न तो 'भगवान' हैं, न ही 'जादूगर', और उनके पास 'अलादीन का चिराग' जैसा कोई जादुई यंत्र नहीं है जिससे उंगली घुमाकर किसी भी इच्छा को पूरा कर सकें.'

न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि पुलिस को उचित तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.  4 जून 2025 को समय की कमी के कारण पुलिस आवश्यक व्यवस्था नहीं कर सकी. पुलिस को पर्याप्त समय नहीं मिला.' यह टिप्पणी बेंगलुरु के एक पुलिस अधिकारी द्वारा अपनी निलंबन के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के दौरान की गई.

Advertisement

आदेश में यह भी बताया गया कि 3 और 4 जून की रात को बड़ी संख्या में लोग पहले से ही मौजूद थे, जिन्हें संभालने में पुलिस व्यस्त थी. साथ ही विधान सौधा (Vidhana Soudha) में राज्य सरकार द्वारा एक अन्य कार्यक्रम का आयोजन भी चल रहा था, जिससे पुलिस बल पर और अधिक दबाव पड़ा.

न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष में कहा कि ऐसी भीड़ को नियंत्रित करने और आवश्यक इंतजाम करने के लिए पुलिस को पर्याप्त समय और पहले से सूचना मिलनी चाहिए, जो इस मामले में नहीं दी गई.

आरसीबी मैनेजमेंट इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं था. इससे पहले इस घटना के संबंध में आरसीबी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के खिलाफ आरोप लगाए गए थे, जिसके कारण केएससीए सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम ने इस्तीफा दे दिया था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement