पाकिस्तान के खिलाफ धोनी से हुई ये चूक, कोहली से करा दी बड़ी गलती

कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों ने तो डीआरएस का नाम डिसीजन रिव्यू सिस्टम की जगह धोनी रिव्यू सिस्टम तक रख दिया है. ऐसे में डीआरएस लेने के मामले में धोनी विराट के सबसे बड़े हथियार माने जाते हैं.

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तरुण वर्मा

  • मैनचेस्टर,
  • 17 जून 2019,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

डीआरएस लेने का फैसला अहम होता है, क्योंकि यदि यह आपके पक्ष में गया तो आप दोबारा इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. नहीं तो नतीजा उलट जाने के साथ ही आप इसे दोबारा लेने का मौका भी गंवा देते हैं. कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों ने तो डीआरएस का नाम डिसीजन रिव्यू सिस्टम की जगह धोनी रिव्यू सिस्टम तक रख दिया है. ऐसे में डीआरएस लेने के मामले में धोनी विराट के सबसे बड़े हथियार माने जाते हैं.

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धोनी डीआरएस लेने के एक्सपर्ट हैं, लेकिन रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप मुकाबले में माही पहली बार डीआरएस के मोर्चे पर फेल हो गए. हुआ यूं कि भारत के लिए सिर दर्द बनी बाबर आजम और फखर जमान की जोड़ी को तोड़ने के लिए कप्‍तान विराट कोहली ने अपने तुरुप के इक्‍के युजवेंद्र चहल को 17वें ओवर में उतारा.

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चहल के 19वें ओवर की पांचवी गेंद बाबर आजम के पैड पर जा लगी और चहल ने एलबीडब्लू की अपील की, लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया. इसके बाद चहल ने धोनी और कोहली से बात की. धोनी की सलाह पर कोहली ने डीआरएस नहीं लिया. कोहली को लग रहा था कि गेंद बाबर आजम के पैड पर ही लगी थी.

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कोहली ने उस समय धोनी की सुनी और डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया और बाद में रिप्ले साफ हुआ कि गेंद बाबर के पैड पर ही लगी थी और गेंद स्टंप को हिट कर रही थी. बाबर उस समय 34 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. हालांकि भारत को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और 24वें ओवर में बाबर आजम 48 के निजी स्कोर पर बोल्ड हो गए.

19वें ओवर की पांचवी गेंद पर अगर कोहली धोनी की बात ना सुनकर डीआरएस ले लेते तो बाबर आजम और फखर जमान के बीच 104 रन की साझेदारी नहीं होती.

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