लॉकडाउन का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है. घर में लगातार बैठे रहने की वजह से लोगों में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है. घर में रहते हुए ज्यादातर लोगों का ध्यान बार-बार खाने पर जाता है. ऐसे में लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वो क्या खाएं और किस मात्रा में खाएं.
न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने इंस्टाग्राम पर क्वारनटीन डाइट और वर्कआउट टिप्स के बारे में बताया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस समय लोगों को कितनी मात्रा में डाइट लेनी चाहिए क्योंकि घर पर रहते हुए कैलोरी घटाना आसान काम नहीं है.
हालांकि रुजुता दिवेकर का कहना है कि आपके फिट, मोटे या पतले होने में कैलोरी की मात्रा का कुछ लेना-देना नहीं है. इसके लिए आपको कार्बोहाइड्रेट और फैट वाले खाने पर कंट्रोल करना होगा.
डाइट में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करने करें. इसके अलावा खाने के स्वाद पर भी ध्यान देना जरूरी है. रुजुता ने डाइट में चावल-दाल शामिल करने की सलाह दी है.
डाइटीशियन ने लोगों से खाना खाते समय तीन फॉर्मूला अपनाने को कहा है जिसमें से पहला है कि खाना खाते समय मानसिक तौर पर भी बिल्कुल एक्टिव रहना चाहिए. आप जो खा रहे हैं उसे अच्छे से देखकर, सूंघकर और स्वाद लेकर खाएं.
दूसरा फॉर्मूला है कि खाना किसी शांत जगह पर खाएं. खाना खाते समय फोन, लैपटॉप, टीवी, किताब या न्यूजपेपर पर ध्यान ना दें.
तीसरा फॉर्मूला है नीचे बैठकर खाना खाना. कोशिश करें कि पूरे दिन में किसी एक समय आप डाइनिंग टेबल पर बैठने की बजाय पालथी मारकर खाना खाएं.
खाना खाने की मात्रा को कैसे कंट्रोल किया जाए उसके लिए भी रुजुता ने एक मेंटल मील मैप दिया है, जिसे कई स्टेज में समझा जा सकता है.
पहला चरण: आप जितना भोजन करना चाहते हैं उसकी कल्पना करें. दूसरा चरण: पहले चरण में आपने जितना भोजन करने की कल्पना की है, उसका आधा हिस्सा ही अपनी प्लेट में परोसें.
तीसरा चरण: दूसरे चरण में आपने जितना भोजन लिया है, उसे खाने के लिए दोगुना समय लें. चौथा चरण: अगर आपको अब भी भूख लगी है तो पहले चरण से फिर वही प्रक्रिया शुरू करें.
खाना खाते समय पूरा वक्त लें. जल्दी-जल्दी खाने से आपको भोजन से तृप्ति का एहसास नहीं होगा.
रुजुता ने बताया कि प्लेट का आधा हिस्सा यानी 50 फीसदी भाग अनाज या बाजरा (चावल, रोटी, ज्वार, बाजरा) से भरा होना चाहिए. प्लेट का 35 फीसदी भाग दाल (दाल और फलियां) और सब्जियों से भरा होना चाहिए. अगर आप मांसाहारी हैं, तो प्लेट में 35 फीसदी नॉनवेज होना चाहिए.
प्लेट के 15 फीसदी बचे हिस्से को चटनी, अचार, पापड़ और सलाद से भरें. खिचड़ी, डोसा, पराठा भी फुल मील का काम करते हैं क्योंकि इनमें सभी तरह के जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं.