कार्डियक अरेस्ट आया तो नहीं मिलेगा जान बचाने का मौका, इसलिए अभी से करना शुरू कर दें ये काम

Rituraj Singh Death: कार्डियक अरेस्ट की वजह से 59 साल के टीवी एक्टर ऋतुराज सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. कार्डियक अरेस्ट हृदय की एक खतरनाक बीमारी है जिसमें हमारा हृदय अचानक से काम करना बंद कर देता है. प्रभावित व्यक्ति को यदि तुरंत सीपीआर न मिला तो उसकी मौत भी हो सकती है.

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ऋतुराज सिंह का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है (Photo- Social Media) ऋतुराज सिंह का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है (Photo- Social Media)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

मशहूर टीवी एक्टर ऋतुराज सिंह का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है. एक्टर ने 59 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. एक्टर की अचानक मौत के बाद एक बार फिर कार्डियक अरेस्ट को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हमारा हृदय अचानक से काम करना बंद देता है और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंच पाता.

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कार्डियक अरेस्ट को हृदय की बीमारियों में सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह अचानक होता है और अगर तुरंत इलाज न मिला तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है.

कार्डियक अरेस्ट है बेहद खतरनाक

कार्डियक अरेस्ट हृदय की लंबी बीमारी से संबंधित नहीं है बल्कि यह अचानक होता है जिससे हृदय ब्लड को पंप करना बंद कर देता है. इसके बाद हृदय के अंदर वेंट्रीकुलर फ्राइब्रिलेशन पैदा होता है जो दिल की धड़कन को रोक देता है. जब यह होता है तब कुछ ही मिनटों के अंदर व्यक्ति की मौत हो सकती है.

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण (Symptoms of Cardiac Arrest)

कार्डियक अरेस्ट दिल की दूसरी बीमारियों से अलग होता है और यह अचानक होता है इसलिए इसके कुछ लक्षण नजर नहीं आते. लेकिन जिन लोगों को पहले से ही हृदय से जुड़ी कोई बीमारी है, उन्हें कार्डियक अरेस्ट का खतरा ज्यादा होता है.

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कार्डियक अरेस्ट से पहले सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, थकान या ब्लैकआउट जैसे लक्षण नजर आते हैं.

कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में क्या करें? 

अगर किसी इंसान को कार्डियक अरेस्ट आया है तो तुरंत उसे किसी एक्सपर्ट द्वारा कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (CPR) दिया जाना चाहिए. इससे दिल की धड़कन को पूरी तरह रुकने से होने से रोका जा सकता है और उसे वापस रेगुलर करने में मदद मिलती है.

कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में मरीज को बिजली का झटका देकर भी उसके हृदय की धड़कन को रेगुलर किया जाता है.

कैसे करें बचाव? (Cardiac Arrest Prevention)

अधिकतर बीमारियों का एक बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल और खाने-पीने की गलत आदतें हैं. इसलिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं, समय पर खाना खाएं, क्या खा रहे हैं, इसका ध्यान रखें. भूख से थोड़ा कम खाएं और प्रोसेस्ड, पैक्ड फूड्स के दूरी बनाकर रखें.

जंक फूड कम से कम खाएं और फल-सब्जियों पर फोकस रखें. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. 30 की उम्र के बाद वार्षिक स्तर पर स्वास्थ्य जांच कराएं.

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