वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दिन, जानिए सरकार ने हलफनामे में क्या कहा, विपक्ष में क्या दलीलें

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. इनमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से दायर याचिका भी शामिल है.

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सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

वक्फ संशोधन एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी.सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने, सेंट्रल वक्फ काउंसिल समेत बोर्ड्स में नई नियुक्तियों पर रोक लगा दिया था. सर्वोच्च न्यायालय ने इन याचिकाओं पर सरकार से जवाब मांगा था और याचिकाकर्ता को भी इस जवाब पर रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए समय दिया था.

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सरकार की ओर से हलफनामे में क्या कहा गया

वक्फ संशोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में वक्फ बाई यूजर को सही बताया गया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए 1332 पेज के हलफनामे में पुराने वक्फ कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 'वक्फ बाई यूजर' सहित वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन साल 1923 से ही अनिवार्य है. सरकार ने कहा कि वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025, आस्था और पूजा के मामलों को अछूता छोड़ता है और मुसलमानों की धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करता है.

सरकार की ओर से दायर इस हलफनामे में यह भी दावा किया गया कि इस कानून में 2013 के संशोधन के बाद वक्फ भूमि में 20 लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई है. प्राइवेट और सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए वक्फ प्रावधानों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया गया. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से वक्फ (संशोधन) एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया और इसे वास्तव में चौंकाने वाला बताया कि 2013 के संशोधन के बाद औकाफ एरिया में 116 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

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जवाबी हलफनामे में क्या कहा गया

केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे के जवाब में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी हलफनामा दायर किया है. जवाबी हलफनामे में केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में दिए आंकड़ों पर सवाल उठाए गए हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि सरकार, सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है.

यह भी पढ़ें: 'वक्फ मेरे देश का मसला, लेकिन पहलगाम में जो हुआ...', पाकिस्तान के हुक्मरानों को ओवैसी ने जमकर सुनाया

AIMPLB ने यह भी कहा है कि वक्फ संपत्ति में इजाफे का सरकार का दावा गलत है. उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसने यह हलफनामा दायर किया है. बोर्ड ने अपने जवाबी हलफनामे में सरकार के इस दावे पर भी आपत्ति जताई है जिसमें 2013 के बाद सेंट्रल पोर्टल पर दर्ज वक्फ संपत्ति बहुत अधिक इजाफे की बात कही गई है.

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तीन जजों की बेंच कर रही सुनवाई

वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली इस बेंच में जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं. यह बेंच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, असदुद्दीन ओवैसी, डीएमके की ओर से दाखिल याचिकाओं समेत कुल 5 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

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