24 घंटे में लगाए 5 करोड़ पेड़, गिनीज बुक में दर्ज हुआ अखिलेश सरकार का नाम

इसी साल 11 जुलाई को 6166 जगहों पर करीब 81000 हेक्टेयर में 5 करोड़ पेड़ लगाए गए. हालांकि ये सारे पेड़ 8 घंटे के भीतर लगा दिए गए.

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11 जुलाई को 6166 जगहों पर लगाए गए पेड़ 11 जुलाई को 6166 जगहों पर लगाए गए पेड़

लव रघुवंशी / कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 14 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

कानून-व्यवस्था को लेकर भले ही अखिलेश यादव की सरकार कटघरे में हो, लेकिन पर्यावरण पर बेहतरीन काम के लिए अखिलेश सरकार को दुनियाभर में सराहना मिल रही है. 24 घंटे में 5 करोड़ पेड़ लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए यूपी सरकार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह मिली है.

शनिवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर उन्हें गिनीज बुक का सर्टिफिकेट सौंपा, जिसमें उत्तर प्रदेश को एक दिन में इस बड़े मिशन को यानि 5 करोड़ वृक्षारोपण के लिए बने विश्व रिकॉर्ड में जगह दी गई है.

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इसी साल 11 जुलाई को 6166 जगहों पर करीब 81000 हेक्टेयर में 5 करोड़ पेड़ लगाए गए. हालांकि ये सारे पेड़ 8 घंटे के भीतर लगा दिए गए.

11 जुलाई को बना रिकॉर्ड
दरअसल गिनीज कमिटी ने पेड़ों को लगाने के लिए प्लान तैयार किया था, जिसके बाद सरकार ने उसे युद्ध स्तर पर तैयारी कर अमली जामा पहनाया था. कई दिनों तक पूरे राज्य की मशीनरी ने इसमें दिन-रात खपाए थे और तब जाकर 11 जुलाई को ये भगीरथ कार्य संपन्न हुआ था.

इस रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे ज्यादा पेड़ उन्नाव जिले में लगाए गए थे, जहां एक दिन में साढ़े बाइस लाख पेड़ लगाए गए, जबकि ललितपुर, झांसी, अवध और श्रावस्ती में क्रमश 17 लाख, 12 लाख, 12 लाख पेड़ लगाए गए थे.

गिनीज बुक में शामिल होने के लिए करीब एक महीने की तैयारी की गई थी. वन विभाग और जिला प्रशासन की 14 जोनल टीमें बनाई गई थीं, जिसमें लगभग सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों ने भी जमकर हिस्सा लिया था.

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80 ISF के अधिकारी रखेंगे निगरानी
इस वृक्षारोपण में कुल 80 प्रजातियों के पेड़ लगाए गए हैं. लेकिन पेड़ लगाने से ज्यादा अब जरूरी है पेड़ों को बचाना. सरकार ने इसके लिए बड़े खास तैयारी कर रखी है. वन विभाग के करीब 6100 जगहों पर ये वृक्षारोपण हुआ था, ऐसे में उन सभी जगहों पर जहां पेड़ लगाए गए है उनकी तस्वीरे ली गईं, जिसकी निगरानी में सेटेलाइट सेंसर की मदद ली जा रही है. करीब 80 आईएफएस के अधिकारी इसकी निगरानी में लगाए गए हैं, जिनके पास पेड़ों के मॉनिटिरिंग के एप है, जिससे इसकी निगरानी हो रही है.

हालांकि 11 जुलाई के बाद कई जगहों से पेड़ों के सूखने, बाढ़ में बह जाने और जानवरों के पेड़ चर जाने की खबरें आई हैं, लेकिन सरकार का दावा है कि वो जल्द ही करोड़ों पेड़ों की तस्वीरों को सामने लाएगी.

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