PAK जैसा कानून लाने वाली अमरिंदर सरकार को झटका, ईशनिंदा आयोग का मुख्य गवाह पलटा

अभी पंजाब की अमरिंदर सरकार ने ईशनिंदा के दोषियों को उम्रकैद की सजा देने संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट से पास ही किया था कि पंजाब सरकार द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में हिंसा पर बने आयोग का मुख्य गवाह ही पलट गया.

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पंजाब कैबिनेट की बैठक पंजाब कैबिनेट की बैठक

विवेक पाठक / सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 23 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:34 AM IST

गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों के बाद पंजाब में हुई हिंसा की जांच के लिए बने जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में टेबल होने से पहले ही मामले का अहम गवाह बयान से पलट गया है. मुख्य गवाह हिम्मत सिंह ने आयोग के चेयरमैन और जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दबाव में बयान देने का आरोप लगाया है.

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बता दें कि हिम्मत सिंह ने पहले अपने बयान में कहा था कि बादल सरकार ने सब कुछ डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फायदा पहुंचाने के लिए करवाया था. अब अपने बयान से पलटे हिम्मत सिंह का कहना है कि उसने जस्टिस रंजीत सिंह और पंजाब के जेल मंत्री नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा के दबाव में बादल परिवार और अकाली दल के खिलाफ झूठा बयान दिया और बरगाड़ी व बहबल कलां में हुई पुलिस फायरिंग की घटनाओं को उस वक्त की बादल सरकार और अकाली दल की साजिश बताया, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है.

हिम्मत सिंह ने चुनौती दी है कि उसके बयानों को पुख्ता करने के लिए आयोग के चेयरमैन जस्टिस रंजीत सिंह और मंत्री रंधावा और उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाया जाए.

बता दें कि पंजाब में करीब 2 साल पहले हुए गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में पंजाब के बरगाड़ी और बहबल कलां में सिख जत्थेबंदियों और पंजाब पुलिस के बीच हुई झड़प में हुई फायरिंग में कुछ लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अकाली-बीजेपी सरकार बदलने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन दोनों घटनाओं की जांच करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह की अध्यक्षता में एक कमीशन बनाया था.  

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इस कमीशन की रिपोर्ट 24 अगस्त से शुरू होने वाले पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा में टेबल भी की जानी है. लेकिन जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में टेबल होने से पहले ही पंजाब सरकार और जस्टिस रंजीत सिंह आयोग को एक बड़ा झटका लगा है.

आपको बता दें कि पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने धार्मिक ग्रंथों का अनादर करने के दोषियों को उम्रकैद की सजा देने के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में संशोधनों के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है.

दूसरी ओर, पाकिस्तान की तरह ईशनिंदा कानून लाने पर अमरिंदर सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है.

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