दिल्ली ब्लास्ट केस: एक और सर्जन हिरासत में, नूंह से पकड़े गए दो संदिग्ध, कहां तक फैला है आतंक का जाल?

दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में सुरक्षा एजेंसियों ने पठानकोट के सर्जन डॉ. रईस अहमद भट को संदिग्ध संपर्कों को लेकर हिरासत में लिया है. वह 2020-21 में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर चुका है और यूनिवर्सिटी स्टाफ से उसकी फोन पर बातचीत हुई थी.

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दिल्ली लाल किला के पास हुए आतंकी बम धमाके के बाद जली हुई कारों की जांच करते NSG कमांडो. (File Photo: PTI) दिल्ली लाल किला के पास हुए आतंकी बम धमाके के बाद जली हुई कारों की जांच करते NSG कमांडो. (File Photo: PTI)

कमलजीत संधू / हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच के सिलसिले में सुरक्षा एजेंसियों ने पठानकोट के एक सर्जन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. 45 वर्षीय डॉ. रईस अहमद भट को संदिग्ध संपर्कों की जांच के लिए पूछताछ के दायरे में लाया गया है. MBBS, MS, FMG कर चुका डॉ. रईस अहमद भट व्हाइट मेडिकल कॉलेज, थाना मामून कैंट, जिला पठानकोट में प्रोफेसर ऑफ सर्जरी है.

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अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तार

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. रईस भट 2020 से 2021 तक हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत था और उसकी यूनिवर्सिटी के कुछ स्टाफ से टेलीफोनिक बातचीत भी हुई थी. एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि क्या डॉक्टर का दिल्ली ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी डॉ. उमर से कोई संभावित संपर्क था. फिलहाल, डॉक्टर को तथ्यों की पुष्टि और विस्तृत पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है.

विस्फोटक की जांच में क्या मिला?

इस बीच, शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की है कि एफएसएल की टीम पिछले दो दिनों से बरामद विस्फोटक की जांच कर रही थी. जांच में सामने आया है कि विस्फोटक की अस्थिरता केवल मूवमेंट की वजह से नहीं, बल्कि तापमान और कुछ विशेष रसायनों के संपर्क जैसे अन्य कारकों से भी हुई हो सकती है. प्राथमिक जानकारी के अनुसार, विस्फोटक में इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण घटक फरीदाबाद से लाया गया था.

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धौज और नूंह में पुलिस ने मारा छापा

इधर, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने बुधवार रात धौज, नूंह और आसपास के इलाकों में व्यापक छापेमारी की. जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नूंह से दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. दोनों की बातचीत मुज्जमिल नामक व्यक्ति से होती थी, जो फिलहाल जांच एजेंसियों की रडार पर है. हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि विस्फोटक की खरीद में उनकी कोई भूमिका थी या नहीं.

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