Harsh Winter: उत्तर भारत को इस बार क्यों सता रही इतनी ठंड? IMD ने बताईं ये 3 वजह

29 दिसंबर से लगातार सूरज गायब रहा और शीतलहर और कोहरा अपने शबाब पर रहे. 7-8 जनवरी के दौरान थोड़ी राहत महसूस की गई, जो कि पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित थी, लेकिन 8 जनवरी के बाद फिर ठंड की वही स्थिति लौट आई... आखिर इस बार ठंड इतना क्यों सता रही है?

Advertisement
Weather Update Weather Update

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST

उत्तर भारत में साल 2024 में ठंड का रूप कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है. इस बार पहाड़ से बर्फ नदारद है, मैदानी इलाकों में बारिश नहीं है लेकिन ठंड ने फिर भी आफत मचा रखी है. इस बार उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भीषण शीतलहर का सितम है. यहां 29 दिसंबर से अधिकतम तापमान सामान्य से 5-8 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया, जिससे कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ी.

Advertisement

29 दिसंबर से लगातार सूरज गायब रहा और शीतलहर और कोहरा अपने शबाब पर रहे. 7-8 जनवरी के दौरान थोड़ी राहत महसूस की गई, जो कि पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित थी, लेकिन 8 जनवरी के बाद फिर ठंड की वही स्थिति लौट आई. इसके साथ ही 12 से 17 जनवरी के बीच उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया.

थिंक टैंक की स्टडी, भारत में तेजी से बदल रहा मौसम

25 दिसंबर के बाद से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी क्षेत्र में बहुत घना कोहरा छाए रहने से मौसम की स्थिति में और खराब हुई. 14 जनवरी को कोहरे की चादर अपने चरम पर पहुंच गई, जिससे उत्तर भारत के मैदानी इलाके अमृतसर से डिब्रूगढ़ और पूरे हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में विजिबिलिटी जीरो हो गई.

Advertisement

मौसम विभाग ने कठोर सर्दियों के मौसम के मुख्य रूप से तीन कारण बताए. इसमें उत्तर पश्चिम भारत पर किसी भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी, प्रचलित अल-नीनो की स्थिति और एक मजबूत जेट स्ट्रीम शामिल है.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की कमी

आमतौर पर दिसंबर से जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत में 5-7 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखे जाते हैं. जो जमा देने वाली ठंड को कम करते हैं. हालांकि, इस सर्दी में ऐसे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस अनुपस्थित रहे. इस बार केवल दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखे गए. एक दिसंबर में और दूसरा जनवरी में जिनका प्रभाव गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश तक सीमित रहा.

दिल्ली में ठंड से कुछ राहत! UP समेत इन राज्यों में कोल्ड डे की स्थिति बरकरार

इसके अलावा पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश होने से कड़ाके की ठंड और बढ़ गई है. इस क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी में भारी कमी देखी गई, जो औसत से लगभग 80% कम थी, जिससे शीतलहर की तीव्रता बढ़ गई.

अल-नीनो की स्थिति

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में कमी को भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के ऊपर प्रचलित अल-नीनो स्थितियों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. यह घटना उत्तर भारत में कम शीतलहर के दिनों को दर्शाती है, यह प्रवृत्ति वर्तमान मौसम में भी ध्यान देने योग्य है.

Advertisement

मजबूत जेट स्ट्रीम

इन सब के अलावा उत्तर भारत में समुद्र तल से 12 किमी ऊपर, लगभग 250-320 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तेज़ जेट स्ट्रीम हवाओं ने ठंड के मौसम को बढ़ा दिया है. मजबूत जेट स्ट्रीम पैटर्न जारी रहने की संभावना है, जिससे अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में लगातार ठंड पड़ने का अनुमान है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement