राजस्थानः गहलोत सरकार ने 31 अक्टूबर को फिर से बुलाया सत्र, कृषि कानूनों पर होगी चर्चा

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने विधानसभा की यह बैठक राज्य सरकार द्वारा अति आवश्यक शासकीय विधायी कार्य संपादित किए जाने हेतु की गई अनुशंसा पर बुलाई है. 15वीं राजस्थान विधानसभा के पंचम सत्र की बैठक 24 अगस्त को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी.

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अशोक गहलोत सरकार ने 31 को बुलाया विशेष सत्र (फाइल-पीटीआई) अशोक गहलोत सरकार ने 31 को बुलाया विशेष सत्र (फाइल-पीटीआई)

देव अंकुर

  • जयपुर,
  • 25 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST
  • सत्र अति आवश्यक विधायी कार्य के लिए बुलाया गया
  • पंचम सत्र की बैठक 24 अगस्त को स्थगित हुई थी
  • गहलोत सरकार भी कृषि कानूनों का विरोध करेगी

केंद्र सरकार के किसानों को लेकर हाल में बनाए गए कानूनों के विरोध में राजस्थान में फिर से सत्र बुलाया गया है, जिसमें माना जा रहा है कि पंजाब की तर्ज पर अशोक गहलोत सरकार भी कानून को खारिज कर सकती है. 15वीं राजस्थान विधानसभा के पांचवें सत्र की बैठक को 31 अक्टूबर से फिर से बुलाया गया है.

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी द्वारा दिए दिशा-निर्देश के मुताबिक शनिवार को इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गई. राजस्थान विधानसभा के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि "15वीं राजस्थान विधानसभा के पंचम सत्र की पुनः बैठक 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से होगी. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी के निर्देश की अनुपालना में विधानसभा के सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने इस आशय की अधिसूचना शनिवार को जारी की.

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राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने विधानसभा की यह बैठक राज्य सरकार द्वारा अति आवश्यक शासकीय विधायी कार्य संपादित किए जाने हेतु की गई अनुशंसा पर बुलाई है. उल्लेखनीय है कि 15वीं राजस्थान विधानसभा के पंचम सत्र की बैठक 24 अगस्त को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी.

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इस सत्र में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने केंद्र के किसानों से जुड़े कानूनों के बारे में चर्चा करने का निर्णय लिया है. पहले ही पंजाब की तर्ज पर गहलोत सरकार ने भी तय किया है कि वह किसानों से जुड़े हुए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानूनों का विरोध करेगी. इसको लेकर 15वीं राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र, जो कि 31 अक्टूबर को फिर से शुरू होगा, के दौरान प्रस्ताव लाया जा सकता है.

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इससे पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा पंजाब में तय किया गया कि किसानों को लेकर बनाए गए केंद्र के कानूनों का विरोध करने और उन्हें निरस्त करने को लेकर निर्णय लिया गया था. पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लाए गए प्रस्ताव को पास कर दिया गया. पंजाब विधानसभा में तय हुआ कि किसानों को लेकर केंद्र में लाए गए तीनों कानूनों को निरस्त माना जाएगा.

कांग्रेस ने पहले ही उन राज्यों में, जहां पर वह सत्ता में है, से ऐसे कानूनों को बनाने के लिए आग्रह किया था, जिससे किसानों को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए विधेयकों को निरस्त किया जा सके. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हम किसानों के पक्ष में मजबूती से खड़े हैं. हमारी पार्टी किसान विरोधी कानून जो एनडीए सरकार ने बनाए हैं, उसका विरोध करती रहेगी.

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