लोकसभा में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद रामशंकर राजभर ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नहीं बल्कि ‘ऑपरेशन तंदूर’ चाहता था, ताकि हमलावर आतंकियों को उसी आग में झोंका जा सके.
सांसद ने उठाए ये सवाल?
राजभर ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद देश में आक्रोश का माहौल था और जनता चाहती थी कि आतंकियों के खिलाफ तीन दिन के भीतर जवाबी कार्रवाई हो. लेकिन सरकार ने 17 दिन बाद ऑपरेशन चलाया, जो जनता की भावनाओं के खिलाफ था. उन्होंने सवाल किया, “जो आतंकी पहलगाम हमले में शामिल थे, क्या वे मारे गए 100 आतंकियों में से थे? असली सवाल यही है.”
सांसद ने आगे कहा कि पहलगाम हमला भारत में दंगे भड़काने की साजिश थी, लेकिन हिंदू-मुस्लिम एकता ने दुश्मनों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. उन्होंने इस एकजुटता को भारत की असली ताकत बताया और कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द से ही देश को मजबूत रखा जा सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप के बयानों का जिक्र
राजभर ने अपने भाषण में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से करीब 26 बार दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराने में भूमिका निभाई थी. ट्रंप ने यह भी कहा था कि अमेरिका द्वारा की गई हथियारों की बिक्री से यह संभव हुआ.
राजभर ने सरकार से पूछा कि अगर ट्रंप का दावा सही है तो भारत की भूमिका क्या रही? उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “असली विश्वगुरु तो व्हाइट हाउस में बैठा था.” उनका इशारा प्रधानमंत्री द्वारा अक्सर उपयोग किए जाने वाले “विश्वगुरु भारत” के संदर्भ की ओर था.
राजभर के इस तीखे भाषण के दौरान सदन में कुछ हलचल भी देखने को मिली, लेकिन उन्होंने कहा कि वह जनता की भावनाओं को संसद में रख रहे हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह देश की सुरक्षा और जनता के गुस्से को गंभीरता से ले.
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