महाराष्ट्र के ठाणे शहर में पुलिस ने एक बुजुर्ग महिला को "डिजिटल अरेस्ट" करके 3 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी सिंडिकेट से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारियों ने रविवार को दी. जिसके अनुसार 61 वर्षीय महिला को 13 अगस्त, 2024 को कूरियर कंपनी के कर्मचारी बनकर कुछ लोगों ने फोन किया और दावा किया कि उन्होंने उसका पार्सल जब्त कर लिया है. जिसमें एक लैपटॉप, 140 ग्राम एमडी (ड्रग) पाउडर, एक थाई पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड और चार किलोग्राम कपड़े के सामान हैं.
इसके तुरंत बाद एक व्यक्ति ने "सीबीआई अधिकारी" बनकर पीड़िता को उसकी पहचान सत्यापित करने के लिए एक अलग नंबर से कॉल किया. पुलिस के अनुसार जालसाज ने कुछ जाली दस्तावेज दिखाए और उसे "डिजिटल अरेस्ट" कर के फंड ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया.
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पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बाद में महिला ने अलग-अलग बैंकों के दो अलग-अलग खातों में 3.04 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. पुलिस उपायुक्त पराग मानेरे ने कहा कि आरोपियों की दुस्साहसता इस बात से स्पष्ट है कि उन्होंने उच्च पदस्थ अधिकारियों के रूप में खुद को पेश करके पीड़ित के विश्वास का किस तरह से फायदा उठाया.
मामले में पिछले साल 13 सितंबर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 316(5) (आपराधिक विश्वासघात), 336(3) (जालसाजी) और 340(2) (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
पुलिस ने कहा कि ठाणे साइबर पुलिस द्वारा की गई व्यापक जांच में एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े लिंक का पता चला, क्योंकि धोखेबाजों ने 82.46 लाख रुपये विदेश में स्थानांतरित करने में कामयाबी हासिल की. जिसमें कथित तौर पर धन को अमेरिकी डॉलर (वीडीए- वर्चुअल डिजिटल संपत्ति) में बदल दिया गया.
जांच के बाद 19 जून को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. विज्ञप्ति में कहा गया कि उनकी पहचान मुंबई में श्री सत्कार पथपेड़ी (सहकारी ऋण समिति) के अध्यक्ष किशोर बंसीलाल जैन (63), परिधान और नकली आभूषण व्यवसाय से जुड़े महेश पवन कोठारी (36) व सौंदर्य प्रसाधन व्यवसाय से जुड़े धवल संतोष भालेराव (26) के रूप में हुई है. मानेरे ने कहा कि आरोपियों ने शातिर तरीके से फ्रॉड की कहानी गढ़ी थी.
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