महाराष्ट्र के सियासी सस्पेंस के बीच आधी रात को फडणवीस से क्यों मिले एनसीपी नेता धनंजय मुंडे?

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र के सियासी सस्पेंस के बीच आधी रात को एनसीपी नेता धनंजय मुंडे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे. इस मीटिंग को लेकर अब कयास लगाये जा रहे हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या शिवसेना की तरह एनसीपी में भी उठा-पटक ही तैयारी है?  

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धनंजय मुंडे ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की धनंजय मुंडे ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST
  • धनंजय मुंडे रात 12 बजे देवेंद्र फडणवीस से मिले
  • धनंजय मुंडे एनसीपी के कद्दावर ओबीसी नेता माने जाते हैं

महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में 11 दिनों से चल रहा शिवसेना की सियासी महाभारत का अंत उद्धव ठाकरे की सत्ता से विदाई होने के साथ हो गया है, लेकिन बीजेपी का हिसाब इतने से बराबर नहीं हुआ. एकनाथ शिंदे की ताजपोशी और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने के चंद घंटे के बाद ही डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से उद्धव सरकार में मंत्री रहे एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने मुलाकात की है. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या शिवसेना की तरह एनसीपी में भी उठा-पटक ही तैयारी तो नहीं हो रही है?  

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एनसीपी विधायक धनंजय मुंडे महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम बने देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे थे. यह मुलाकात गुरुवार रात करीब 12 बजे धनंजय मुंडे ने फडणवीस के निवास स्थान सागर बंगले पर हुई थी. मुंडे वहां करीब आधे घंटे रुके. अंदर दोनों के बीच क्या बात हुई, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. लेकिन इससे कयासों का बाजार गर्म हो गया है.

कद्दावर ओबीसी नेता माने जाते हैं धनंजय मुंडे

धनंजय मुंडे एनसीपी के कद्दावर ओबीसी नेता माने जाते हैं. उद्धव ठाकरे सरकार में पावरफुल मंत्री रहे हैं. एनसीपी से पहले बीजेपी में रहे हैं और वो केंद्रीय मंत्री रहे गोपी नाथ मुंडे के भतीजे हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में धनंजय मुंडे ने अपनी चचेरी बहन पंकजा मुंडे को हराकर विधायक बने हैं.

पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की देवेंद्र फडणवीस से सियासी अदावत जगजाहिर है. 2019 में मिली हार के बाद पंकजा मुंडे ने एक कार्यक्रम किया था, जिसमें फडणवीस विरोधी एकनाथ खड़से जैसे नेता शामिल हुए थे. इस दौरान फडणवीस पर जमकर निशाना साधा गया था. एकनाथ खड़से बीजेपी छोड़कर एनसीपी में आ गए हैं और अब एमएलसी बने गए.

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वहीं, महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के साथ ही फडणवीस से धनंजय मंडे की देर रात हुई मुलाकात को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गई है. ऐसे में कयास लग रहे हैं कि क्या शिवसेना की तरह NCP में भी सब ठीक नहीं है. क्या यहां ये भी एकनाथ शिंदे की तरह कोई बागी गुट निकल सकता है? 

धनंजय मुंडे एनसीपी के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के करीबी के तौर पर गिने जाते हैं. अजीत पवार तो 2019 में देंवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सियासी गुल खिला चुके हैं, लेकिन उस समय मराठा क्षत्रप शरद पवार के एक्टिव हो जाने के चलते सफल नहीं हो सकता था. लेकिन, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री और फडणवीस के डिप्टी सीएम बनने के बाद क्या फिर से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है.

यह भी पढ़ें - 2 दिन पहले ही तय हो गई थी शिंदे की ताजपोशी! क्या वाकई नाराज हैं फडणवीस?

बता दें कि शिवसेना के 37 से ज्यादा विधायकों ने उद्धव ठाकरे को छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है. इससे राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस पार्टनर थी.

2019 में आमने-सामने थे अजीत और शरद पवार

NCP को लेकर कयास इसलिए भी लगाये जा रहे हैं क्योंकि NCP के कुछ नेताओं की बीजेपी के नेताओं से पहले भी नजदीकियां रही हैं. 23 नवंबर 2019 की वह घटना कौन ही भूल सकता है जब NCP प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने ही देवेंद्र फडणवीस यानी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. तब अजीत खुद डिप्टी सीएम बने थे.

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सबके लिये यह चौंकाने वाला था. क्योंकि शरद पवार तब शिवसेना और कांग्रेस को साथ लाकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश में लगे थे. लेकिन अजीत पवार कुछ NCP विधायकों को अपनी तरफ करके चाचा के खिलाफ चले गये थे. लेकिन तब शरद पवार ने एनसीपी में तोड़फोड़ की कोशिश को नाकाम कर दिया था. बाद में उन्होंने अजीत पवार को भी मना लिया था. फिर बाद में अजीत पवार ने डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था और फडणवीस सरकार सिर्फ 80 घंटों में गिर गई थी.

 

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