झारखंड: सरकारी कर्मचारी ने क्वार्टर में लगाई फांसी, फंदे से लटकता मिला शव

झारखंड के सरायकेला जिले में जिला कल्याण विभाग में कार्यरत 59 वर्षीय लिपिक प्रेम चौधरी ने सोमवार की रात अपने सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. हालांकि, पुलिस अभी नोट की जांच कर रही है.

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जिला कल्याण विभाग के सरकारी कर्मचारी, जिन्होंने अपने क्वार्टर में सुसाइड कर लिया. (File Photo: ITG) जिला कल्याण विभाग के सरकारी कर्मचारी, जिन्होंने अपने क्वार्टर में सुसाइड कर लिया. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • सरायकेला,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:05 AM IST

झारखंड के सरायकेला जिले में जिला कल्याण विभाग में कार्यरत 59 वर्षीय लिपिक प्रेम चौधरी ने सोमवार की रात अपने सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि वे गेस्ट हाउस कॉलोनी स्थित क्वार्टर में अकेले रहते थे. मंगलवार की सुबह इस घटना की सूचना पुलिस को मिली जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सरायकेला भेजा.

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पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. हालांकि पुलिस ने अभी तक उसके विवरण को सार्वजनिक नहीं किया है. जानकारी के मुताबिक प्रेम चौधरी अगले साल सेवा से निवृत्त होने वाले थे. उनके परिवार में एक पुत्री और एक पुत्र है, जो पढ़ाई के सिलसिले में बाहर रहते हैं. बताया गया है कि सोमवार रात उन्होंने अपने घर के सभी दरवाजे खुले छोड़ दिए और छत की कड़ी से रस्सी के सहारे फांसी लगा ली.

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घटना की जानकारी मिलते ही उप विकास आयुक्त रीना हांसदा और अंचल अधिकारी भोला शंकर महतो मौके पर पहुंचे. इसके बाद पुलिस से पूरे मामले की जानकारी ली. सीओ भोला शंकर महतो ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि प्रेम चौधरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मामले की जांच की जा रही है. आत्महत्या के कारणों की स्पष्ट जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है. पुलिस ने सुसाइड नोट की जांच शुरू कर दी है और मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.

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नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

(इनपुट- मनीष कुमार लाल दास)

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