बुरहान वानी की बरसी पर कश्मीर में इंटरनेट सेवा रोकी गई

8 जुलाई 2016 को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुई गोलीबारी में वानी मारा गया था. वानी की मौत के बाद कश्मीर में अशांति फैल गई जो चार महीने तक चली थी.

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बुरहान वानी बुरहान वानी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 9:27 PM IST

अलगाववादियों ने आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी को उसकी तीसरी बरसी पर याद करने के लिए सोमवार को कश्मीर-व्यापी विरोध व बंद का आह्वान किया, जिसके बाद अधिकारियों ने रविवार को दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सुविधा को रोक दिया गया.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले अलगाववादी दलों के एक समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने लोगों से अपील की है कि वे 'बुरहान वानी की शहादत' याद रखने के लिए सोमवार को कश्मीर बंद करें.

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अलगाववादियों की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों ने रविवार को अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिले में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया. पुलिस सूत्रों ने कहा, 'घाटी में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अन्य निवारक कदम उठाए जाएंगे.'

दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों से होकर गुजरने वाले जम्मू एवं श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहले से ही सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है.1 जुलाई से शुरू हुई और 15 अगस्त को खत्म होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए राजमार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है.

8 जुलाई 2016 को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुई गोलीबारी में वानी मारा गया था. वानी की मौत के बाद कश्मीर में अशांति फैल गई जो चार महीने तक चली थी.

अनियंत्रित भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को आग के हवाले कर दिया था. पुलिसकर्मियों को पीटा था और सुरक्षा बलों के वाहनों में आग लगा दी थी. भीड़ और सुरक्षा बलों की झड़प में 98 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. चार हजार से ज्यादा लोग पैलेट गन से घायल होने के कारण स्थायी रूप से या आंशिक रूप से अंधे हो गए थे.

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