लोकसभा चुनाव खत्म होते ही दिल्ली सरकार में बड़ी बैठकों और योजनाओं पर मोहर लगाने का सिलसिला तेज हो गया है. बुधवार को दिल्ली सचिवालय में जल बोर्ड की 146वी बैठक रखी गई. मुख्यमंत्री और जल बोर्ड के चेयरमैन अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 5 अहम फैसले लिए गए हैं.
1. चंद्रावल में नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
चंद्रावल में एक नया ड्रिंकिंग वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को मंजूरी दी गई है. इसकी क्षमता 48 करोड़ लीटर प्रतिदिन है. इसकी लागत 598 करोड़ रुपए है. यह प्लांट उच्च स्तर के अमोनिया कंटेंट ( 4 पीपीएम तक ) ट्रीट कर सकेगा. अब तक प्लांट 1 पीपीएम अमोनिया कंटेंट में बंद हो जाते थे जिससे जल आपूर्ति बाधित हो जाती थी. इस प्लांट का निर्माण तीन साल में पूरा किया जाएगा. इस डब्ल्यूटीपी की वजह से हरियाणा से अमोनिया डिस्चार्ज की के चलते डब्ल्यूटीपी बंद होने की समस्या का समाधान हो जाएगा.
इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सिविल लाइंस, करोल बाग, राजेंदर नगर, नारायणा, दिल्ली कैंट के कुछ हिस्से, एनडीएमसी एरिया, चांदनी चौक इत्यादि इलाकों को फायदा मिलेगा. इससे करीब 22 लाख लोगों को फायदा होगा. आधुनिक सेंट्रल वाटर मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस इस प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद इन इलाकों में जल आपूर्ति की निगरानी और नियंत्रण और आसान हो जाएगा.
2. क्लीन यमुना : ओखला में भारत का सबसे बड़ा एसटीपी
दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में ओखला में 564 एमएलडी (56 करोड़ 40 लाख लीटर प्रति दिन) क्षमता वाले एक नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी गई. इसकी लागत 1161 करोड़ रुपए है. यह भारत का सबसे बड़ा वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्लांट है. साथ ही यह दुनिया से सबसे बड़े वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में से एक है. इसका निर्माण यमुना एक्शन प्लान 3 के तहत किया जा रहा है. इस प्लांट की वजह से यमुना नदी के जल की गुणवत्ता पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ये नया एसटीपी यमुना का प्रतिदिन 41,200 किग्रा ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट लोड और प्रतिदिन 61,600 किग्रा सॉलिड लोड हटाएगा.
इस नए एसटीपी से चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, दरियागंज, एमडीएमसी एरिया, लोधी कॉलोनी, निजामुद्दीन, ओखला, बदरपुर, कालकाजी, मालवीय नगर, कटवरिया सराय, लाजपत नगर, ग्रेटर कैलाश और दक्षिण दिल्ली के मुनरिका से बदरपुर जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा. इन इलाकों में रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को इस परियोजना का लाभ मिलेगा.
3. राजघाट में नई झील
भूजल स्तर में गिरावट के समाधान और पानी की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने नए तरीके खोजे हैं. इसके तहत रेनवाटर हार्वेस्टिंग और मौजूदा वाटर बॉडिज के पुनरुद्धार के जरिये ग्राउंडवाटर को रिचार्ज किया जाता है. दिल्ली जल बोर्ड ने पहले ही नई वाटर बॉडिज विकसित करने और मौजूदा वाटर बॉडिज के पुनरुद्धार की महात्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है. इसी के तहत राजघाट के पीछे एक नई वाटर बॉडी विकसित की जाएगी. दिल्ली जल बोर्ड की इस बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके तहत राजघाट बस डिपो के पास 40 एकड़ की एक झील का निर्माण किया जाएगा. इस झील में दिल्ली गेट के पास 15 एमजीडी क्षमता वाले एसटीपी से पानी लाया जाएगा. राजघाट पावर प्लांट बंद होने वाले बाद इस जगह का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से यमुना में डाले जाने वाले ऑर्गेनिक लोड पॉल्यूटेंट में 675 किग्रा की कमी आएगी. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 36.51 करोड़ रुपए है.
4. किलोकरी में वाटर म्यूजियम
दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में किलोकरी में एक वाटर म्यूजियम, ट्रेनिंग सेंटर और वाटर बॉडी के निर्माण को भी मंजूरी दी गई. दिल्ली में वाटर, वेस्टवाटर, रेनवाटर, यमुना के साथ दिल्ली का ऐतिहासिक संबंध जैसी जानकारियों से जनता को रूबरू कराने के लिए ये म्यूजियम बनाया जाएगा. इसके अलावा यहां स्कूली बच्चों, प्रोफेशनल्स, स्वयं सेवी संस्थाओं, विभिन्न आरडब्ल्यूए और आम लोगों के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोला जाएगा. इसमें वाटर कंजर्वेशन, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, डिसेंट्रलाइज्ड वेस्टवाटर ट्रीटमेंट, वाटरबॉडी कंजर्वेशन और ग्राउंडवाटर रिचार्ज इत्यादि से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी. इस प्रोजेक्ट की लागत 12 करोड़ रुपए है.
5. नजफगढ़ ड्रेनेज जोन के कमांड में 14 एसटीपी
दिल्ली जल बोर्ड की मीटिंग में ये भी फैसला लिया गया कि नजफगढ़ ड्रेनेज जोन के कमांड में 14 एसटीपी बनाए जाएंगे. इसके अलावा सोमेश विहार, झुलझुली और ढिचाऊंकलां की विभिन्न कॉलोनियों में सीवर लाइन भी डाली जाएंगी. इस प्रोजेक्ट के तहत 160 कच्ची कॉलोनियों और 47 गांवों में सीवर लाइन डाली जाएंगी. इससे करीब 8 लाख लोगों को फायदा होगा.
aajtak.in / पंकज जैन