जहानाबाद संसदीय सीट पर कुल 53.67 फीसदी वोटिंग दर्ज

जहानाबाद लोकसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के बीच है. आरजेडी ने सुरेंद्र प्रसाद यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि उनके सामने जनता दल यूनाइटेड की ओर से चंदेश्वर प्रसाद मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. अरुण कुमार राष्ट्रीय समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

सुरेंद्र कुमार वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2019,
  • अपडेटेड 7:54 AM IST

बिहार के जहानाबाद में रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए. चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जहानाबाद संसदीय सीट पर कुल 53.67 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई. अंतिम चरण की वोटिंग के तहत देश में कुल 64.77 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया. वहीं बिहार में कुल 53.36 फीसदी वोट पड़े.

जहानाबाद लोकसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच है.

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आरजेडी ने यहां से सुरेंद्र प्रसाद यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि उनके सामने जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से चंदेश्वर प्रसाद मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. अरुण कुमार राष्ट्रीय समता पार्टी (सेकुलर) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. शेष 10 उम्मीदवार अन्य दलों के हैं जबकि एक उम्मीदवार बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहा है.

वामपंथ का सियासी गढ़

जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक वामपंथ का सियासी गढ़ रहा है. इसके बाद कांग्रेस और जनता दल के उम्मीदवार भी जीते. 1998 के बाद से इस सीट से हर बार सांसद बदलते रहने की परंपरा दिखी. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट से एनडीए की सहयोगी रही आरएलएसपी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार जीते, लेकिन बाद में पार्टी से मतभेद के बाद अलग हो गए. अब 2019 चुनाव से पहले आरएलएसपी भी एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के खेमे में आ गई. इस कारण से जहानाबाद की सियासी लड़ाई पर हर किसी की नजर है.

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जहानाबाद संसदीय सीट पहले कांग्रेस, फिर सीपीआई का गढ़ रही है. इस सीट से 6 बार सीपीआई को जीत हासिल हुई. सीपीआई नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह जहानाबाद से 4 बार चुनकर लोकसभा गए. लेकिन 1998 के चुनाव में इस सीट ने सियासी करवट ली और आरजेडी ने समता पार्टी के अरुण कुमार को हराकर इस सीट से अपना खाता खोला. तब से इस सीट पर कभी आरजेडी तो कभी जेडीयू को जीत हासिल होती रही.

1999 के संसदीय चुनाव में अरुण कुमार जेडीयू के टिकट पर आरजेडी उम्मीदवार को हराने में कामयाब रहे. 2004 के चुनाव में आरजेडी के गणेश प्रसाद सिंह ने अरुण कुमार को मात दी. लेकिन 2009 के चुनाव में जेडीयू ने यहां से जगदीश शर्मा को उतारा. जिन्होंने आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को मात दी. 2014 के मोदी लहर में डॉ. अरुण कुमार एनडीए की सहयोगी आरएलएसपी के टिकट पर यहां से दूसरी बार जीतने में कामयाब रहे.

विधानसभा में RJD बेहतर स्थिति में

राज्य के पिछड़े इलाकों में गिने जाने वाला जहानाबाद बिहार के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में पड़ता है. जहानाबाद संसदीय क्षेत्र जहानाबाद और अरवल जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है. इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,276,912 है. जिसमें से 680,766 पुरुष मतदाता और 596,146 महिला मतदाता हैं.

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जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें अरवल, कुरथा, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मकदूमपुर आती हैं. इनमें से मकदूमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. ये सीटें जहानाबाद और अरवल जिलों में पड़ती हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से आरजेडी ने 4, जबकि जेडीयू ने 2 सीटें जीती थी.

2014 में 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जहानाबाद संसदीय सीट से आरएलएसपी के डॉ. अरुण कुमार को जीत हासिल हुई. अरुण कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को 42,340 वोटों से हराया. आरएलएसपी उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार को 3,22,647 वोट मिले. जबकि आरजेडी के सुरेंद्र यादव को 2,80,307 वोट. नोटा पर 10,352 मतदाताओं ने बटन दबाया.

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