बिहार की सियासत खासतौर पर जदयू में इन दिनों उठापटक का दौर चल रहा है. उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब पूर्व सांसद मीना सिंह ने जदयू का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने पटना के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान किया. इस दौरान कहा कि नीतीश जी से कभी अलग नहीं होना चाहती थीं लेकिन उन्होंने जंगलराज के युवराज को उत्तराधिकारी घोषित किया है. ऐसे में साथ रहना मुमकिन नहीं.
'मैंने हमेशा जदयू का साथ दिया'
पूर्व सांसद मीना सिंह ने कहा, 'सभी को मालूम है मेरे पति अजीत कुमार सिंह कांग्रेस में थे, लेकिन बिहार को अपराध से मुक्त कराने के लिए नीतीश कुमार के साथ आए थे. तभी बिहार अपराध मुक्त हुआ था. नीतीश कुमार ने मुझे सेवा का मौका दिया. मैंने हमेशा जदयू का साथ दिया.'
'अब जंगल राज रिटर्न दिख रहा'
उन्होंने आगे कहा कि जदयू के राजद के साथ आने के बाद बिहार में अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. अब जंगल राज रिटर्न दिख रहा है, लेकिन नीतीश कुमार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. इससे भी दुखद तो ये है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को उत्तराधिकारी घोषित किया. आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भुला दिया है. वो पार्टी को विलुप्त करने में लग गए हैं. मीना सिंह ने कहा कि आगे की रणनीति पर बैठक करके फैसला लूंगी.
'बिहार को बचाने के लिए साथ छोड़ना पड़ा'
इससे पहले गुरुवार को जदयू 'Janata Dal (United)' छोड़ने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार को झटका दिया था. कई बड़े नेता जदयू छोड़कर उपेंद्र की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल में शामिल हुए थे. इसमें किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष राम लक्ष्मण सिंह कुशवाहा, सीतामढ़ी जिले के अनुसूचित जाति जनजाति के अध्यक्ष चंद्रिका पासवान, जिला सचिव मोहम्मद संजीर आलम, वीरेंद्र कुशवाहा और धर्मेंद्र सिंह थे. धर्मेंद्र सिंह बेलसंड विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी रह चुके हैं.
सीतामढ़ी पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने बिहार को गिरवी रखने का काम किया है. एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार को साल 2005 से पहले वाला बिहार बनाने में जुट गए हैं. इसी वजह से उन्हें मजबूरन बिहार को बचाने के लिए नीतीश का साथ छोड़ना पड़ा.
सुजीत कुमार