बिहार चुनाव को लेकर माहौल बनाने की जंग, जानें सोशल मीडिया पर किसके समर्थकों का पलड़ा भारी

सोशल मीडिया के दौर में चुनावी जंग सिर्फ जमीनी स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए ऑनलाइन कैंपेन को भी बहुत बड़ा हथियार माना जाता है. इसी तर्ज पर बिहार में एनडीए और INDIA ब्लॉक के समर्थक सेरोगेट पेजों के जरिए अपने-अपने नेताओं के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं.

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जमीनी स्तर से साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी बिहार की चुनावी जंग (Photo: Representative/AI) जमीनी स्तर से साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी बिहार की चुनावी जंग (Photo: Representative/AI)

आकाश शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

बिहार में चुनावी मौसम के साथ-साथ ज़मीनी स्तर पर भी राजनीतिक जंग तेज हो गई है और इसका असर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी देखने को मिल रहा है. दर्जनों सोशल मीडिया पेजों का पूरा नेटवर्क, जो अनौपचारिक होते हुए भी राजनीतिक रूप से अलग-अलग नेताओं और पार्टियों से जुड़ा हुआ है. अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पेजों का इस्तेमाल प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने, पक्ष में माहौल बनाने और युवाओं को संगठित करने के लिए कर रहा है.

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फेसबुक पर AI वीडियोज की भरमार

मेटा प्लेटफ़ॉर्म यानी फेसबुर पर 30 से ज़्यादा सेरोगेट या अनौपचारिक पेज AI-जनरेटेड वीडियो, रील और पोस्ट बना रहे हैं. ये पेज, भले ही किसी भी राजनीतिक दल से औपचारिक रूप से जुड़े न हों, लेकिन प्रॉक्सी कैंपेन मशीनरी की तरह काम करते हैं, नेरेटिव को आगे बढ़ाते हैं, उपलब्धियों को उजागर करते हैं और प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाते हैं.

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पिछले चुनावों के विपरीत, जहां ऑनलाइन कैंपेन अक्सर व्यक्तिगत हमलों और खुलेआम गालियों से भरे होते थे, इस बार अब तक के सर्किल में ज़्यादा माइक्रो मैसेजिंग की कोशिश हो रही है. यहां ज़ोर सीधे-सीधे बदनामी करने के बजाय अपने पक्ष में माहौल बनाने पर है.

एनडीए के समर्थन में माहौल 

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बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के समर्थन में नौ एक्टिव फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज हैं, जिनके साथ 12 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. इनके पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन के रिकॉर्ड को दिखाते हैं, साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के शासनकाल के 2005 से पहले के बिहार की यादें ताज़ा करते हैं.

इंस्टाग्राम पर विपक्षी दल के समर्थकों का दबदबा

छह लाख फॉलोअर्स वाला बिहार लाइव अक्सर सड़क, बिजली, कृषि, महिला सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक कल्याण पर नीतीश कुमार के रिकॉर्ड को दिखाता है और लालू प्रसाद यादव के दौर से इसकी तुलना करता है.

'डबल इंजन' सरकार का बखान

न्यूज़ पोर्टल जैसा दिखने वाला पेज, बोल बिहार बोल, 'डबल इंजन' सरकार को मज़बूत और स्थिर बताकर विपक्ष को कमज़ोर बताता है. इसने लालू प्रसाद यादव की बेटी की शादी को लेकर RJD पर निशाना साधते हुए दो मिनट का एक AI वीडियो भी प्रसारित किया, जिसमें विक्रेताओं को पेमेंट न करने और वीआईपी प्रोटोकॉल के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया गया.

एनडीए के समर्थन में कई पेज भी '25 में भी नीतीश' कैंपेन लाइन के साथ चल रहे हैं, जिनमें एक समर्पित पेज भी शामिल है जिसके 4 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.

फेसबुक पर एनडीए के सपोर्टर्स की तादाद ज्यादा

INDIA ब्लॉक को ज्यादा समर्थन

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विपक्ष ऑनलाइन ज्यादा आक्रामक दिखाई दे रहा है, जहां 18 सेरोगेट पेजों पर नीतीश सरकार को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि RJD और कांग्रेस के कैंपेन को बढ़ावा दिया जा रहा है.

'वॉयस ऑफ बिहार राहुल गांधी' पेज, जिसके करीब 70,000 फ़ॉलोअर्स हैं, नियमित रूप से बीजेपी पर हमला बोलता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां के प्रति कथित दुर्व्यवहार के विरोध में बीजेपी की तरफ से हाल में आयोजित बिहार बंद के दौरान, पेज ने इस विरोध प्रदर्शन को 'भाजपाई गुंडागर्दी' करार दिया.

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आरजेडी और कांग्रेस से जुड़े पेजों ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल के पुराने क्लिप प्रसारित किए हैं, जिनमें कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का महिमामंडन किया गया है, और उन्हें दोहरे मानदंडों का सबूत बताया गया है.

तेजस्वी को बताया यूथ आइकन 

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के समर्थकों ने भी युवाओं पर केंद्रित एक मज़बूत डिजिटल मौजूदगी बनाई है. युवा बिहार, आरजेडी सरकार, तेजस्वी आएगा 2025 और आरजेडी रील्स समेत एक दर्जन से ज़्यादा इंस्टाग्राम पेजों के कुल मिलाकर 14 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. इनके कंटेंट में अक्सर तेजस्वी को प्रभावशाली लोगों के साथ सहयोग करते और डांस रील्स में नज़र आते हुए दिखाया जाता है, जिससे उन्हें एक यूथ आइकन के रूप में पेश किया जाता है.

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ये पेज प्रधानमंत्री मोदी के पुराने क्लिप भी प्रसारित कर रहे हैं, जिनमें उन पर सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है, ताकि बीजेपी के खिलाफ अपने बयान को मजबूत किया जा सके.

चुनाव में डिजिटल वॉर रूम

इन सेरोगेट पेजों का दायरा इस बात पर ज़ोर देता है कि बिहार के चुनाव अब सिर्फ़ सड़कों, रैलियों या टीवी डिबेट तक सीमित नहीं रह गए हैं. ये चुनाव रील दर रील, शेयर दर शेयर और फ़ॉलोअर दर फ़ॉलोअर लड़े जा रहे हैं. इसमें एनडीए और विपक्ष, दोनों ही सोशल मीडिया इकोसिस्टम को अपने प्रॉक्सी वॉर रूम में बदल रहे हैं.

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