दिल्ली में मना अनोखा 'पीरियड फेस्ट', सरकारी स्कूल की लड़कियों ने निकाली पैड यात्रा

पीरियड्स को लेकर समाज में फैले टैबू के कारण लड़कियां अपनी बात नहीं कह पाती हैं. इस चुप्पी को आज वाकई तोड़ने की जरूरत है. दिल्ली में मनाए गए पीरियड फेस्ट में कुछ ऐसी ही कोश‍िश हुई, जिसमें लड़कियां खुलकर बोलीं.

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पीरियड फेस्ट की एक तस्वीर (aajtak.in) पीरियड फेस्ट की एक तस्वीर (aajtak.in)

मानसी मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 06 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST

पीरियड यानी मासिक धर्म पर बात करना आज भी देश भर में बड़े पैमाने पर शर्म और हिचक का विषय है. माहवारी या मासिक धर्म के बारे में बचपन से ही इतनी भ्रांतियां जोड़ दी जाती हैं कि बड़े होने के बाद भी, इस विषय पर चुप्पी की वजह से उनसे बाहर निकलना काफ़ी मुश्किल ही रहता है. 

इस विषय पर ध्यान आकर्षित करने के लिए दिल्ली की एक जानी मानी स्त्री व महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सुरभ‍ि सिंह कई सालों से प्रयास कर रही हैं. वो अपने गैर सरकारी संगठन सच्ची सहेली के जरिये नई पीढ़ी को जागरूक करती रहती हैं. इसी क्रम में उनकी संस्था ने दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में 'द पीरियड फेस्ट' नाम से मासिक धर्म-थीम वाला त्यौहार आयोजित किया. इस फेस्ट में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. ये आयोजन 04 फरवरी को मासिक धर्म स्वास्थ्य और जागरूकता दिवस पर हुआ जिसमें छात्राओं ने 'पैड -यात्रा' नामक एक मार्च निकाला जिसके जरिये पीरियड्स को  लेकर जागरूकता का संदेश दिया. 

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04 फरवरी का दिन माहवारी स्वास्थ्य व जागरूकता को समर्पित है. मासिक धर्म स्वास्थ्य और जागरूकता दिवस भारत में कुछ वर्षों से मनाया जाता रहा है. इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के स्कूलों और नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) के 1000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया. अपने शिक्षकों के साथ उन्होंने विभिन्न माध्यमों से उत्सव का मज़ा लिया. कार्यक्रम में कॉलेज और स्कूल के छात्रों द्वारा शक्तिशाली मंच प्रदर्शन किया गया. प्रतिभाशाली और लोकप्रिय अस्मिता थिएटर ग्रुप ने भी दर्शकों के लिए एक विचारोत्तेजक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया. 

आयोजन की एक खास बात यह थी कि इसमें दिल्ली सरकार के स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को एक साथ लाया गया, जिन्होंने एक संदेश के साथ रैंप वॉक में भाग लिया, जिसका उद्देश्य मासिक धर्म के बारे में विभिन्न मिथकों को तोड़ना था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एजुकेशन विभाग दिल्ली के डायरेक्टर हिमांशु गुप्ता मौजूद रहे. इस मौके पर हिमांशु गुप्ता ने कहा कि पीरियड्स को आपको अपने सपनों को हासिल करने से नहीं रोकना चाहिए. न ही उन्हें आपको किसी रेस में भाग लेने से रोकना चाहिए. विद्यालयों से मुझे उम्मीद है कि इस तरह के आयोजन से आप मासिक धर्म से जुड़ी सभी रूढ़ियों को तोड़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे. 

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