सबसे पावरफुल परमाणु बम किसके पास? क्या वाकई यूएस के पास दुनिया को 150 बार मिटाने की क्षमता है
दुनिया का सबसे ताकतवर परमाणु बम अमेरिका का बी83 है, 1.2 मेगाटन ताकत वाला, जो हिरोशिमा से 80 गुना ज्यादा खतरनाक है. ये किसी शहर के चारों तरफ 15 किमी का इलाका तबाह कर सकता है. रूस का आरएस-28 सरमत 5-10 मेगाटन का, पूरे देश को नष्ट कर सकता है. अमेरिका के पास 3700 वॉरहेड्स हैं, जो दुनिया को 150 बार मिटाने की क्षमता रखते हैं.
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नेवादा के रेगिस्तान में अमेरिकी परमाणु परीक्षण की पुरानी तस्वीर. (File Photo: Reuters)
1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए न्यूक्लियर बम की ताकत सिर्फ 15 किलोटन टीएनटी के बराबर थी – यानी 15,000 टन बारूद जितनी. उसमें 70 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. तो सोचिए दुनिया का सबसे ताकतवर परमाणु बम किसके पास है? और क्या अमेरिका के पास सचमुच दुनिया को 150 बार तबाह करने की ताकत है? हर बम कितना विस्फोट करता है, कितना नुकसान पहुंचा सकता है.
अभी नवंबर 2025 तक सक्रिय सेवा (यानी इस्तेमाल के लिए तैयार) में सबसे ताकतवर परमाणु बम अमेरिका के पास है. इसका नाम है बी83 (B83) ग्रैविटी बम. ये एक थर्मोन्यूक्लियर बम है, जो हवाई जहाज से गिराया जाता है.
हिरोशिमा से तुलना: ये हिरोशिमा बम से 80 गुना ज्यादा ताकतवर है. अगर बी83 को किसी बड़े शहर पर गिराया जाए, तो 10-15 किलोमीटर के दायरे में सब कुछ राख हो जाएगा.
गर्मीः विस्फोट की गर्मी 1 लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकती है, जो सूरज की सतह से भी ज्यादा गर्म है. इससे आग की लपटें मीलों दूर तक फैलेंगी. रेडिएशन (विकिरण) से लाखों लोग कैंसर या बीमारियों से मरेंगे.
खतरा: ये बम इतना बड़ा विस्फोट पैदा करेगा कि एक ही धमाके से 5-10 लाख लोग तुरंत मर सकते हैं. उसके बाद, धूल और धुआं आकाश में फैलकर सूरज की रोशनी रोक देगा, जिससे 'न्यूक्लियर विंटर' हो सकता है – यानी पूरी दुनिया में ठंड और भुखमरी.
ध्यान दें: इतिहास का सबसे ताकतवर बम त्सार बोंबा (Tsar Bomba) था, जो सोवियत यूनियन (अब रूस) ने 1961 में टेस्ट किया. उसकी ताकत 50 मेगाटन थी – हिरोशिमा से 3,333 गुना ज्यादा. लेकिन ये अब इस्तेमाल के लिए तैयार नहीं है, सिर्फ टेस्ट के लिए बनाया गया था. अगर इसे इस्तेमाल किया जाता, तो 100 किलोमीटर दूर तक कांच के शीशे टूट जाते.
दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु बम हैं: अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया. रूस के पास सबसे ज्यादा बम हैं (लगभग 6,000), लेकिन ताकत के मामले में अमेरिका आगे है...
आरएस-28 सरमत (RS-28 Sarmat)
देश: रूस
ताकत (टीएनटी में): 5-10 मेगाटन (अनुमानित, एक मिसाइल पर कई वारहेड)
हिरोशिमा से कितना ज्यादा: 333-666 गुना
खतरा: मिसाइल से दागा जा सकता है. एक हमले से पूरा महाद्वीप प्रभावित. विस्फोट से सुनामी जैसी लहरें.
हां, ये दावा ज्यादातर सही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 3 नवंबर 2025 को सीबीएस के '60 मिनट्स' इंटरव्यू में कहा कि हमारे पास इतने न्यूक्लियर हथियार हैं कि दुनिया को 150 बार उड़ा सकते हैं. ये बयान अमेरिका के न्यूक्लियर टेस्टिंग दोबारा शुरू करने के फैसले से जुड़ा है, जो 33 साल बाद हो रहा है.
तथ्य: अमेरिका के पास लगभग 3700 सक्रिय परमाणु वॉरहेड हैं. इनमें से 1400 तैनात हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि सिर्फ 100-400 वारहेड ही न्यूक्लियर विंटर पैदा कर सकते हैं – जो पूरी सभ्यता खत्म कर देगा.
क्यों 150 बार?: ये 'ओवरकिल' कहलाता है. कोल्ड वॉर के जमाने से अतिरिक्त बम बने हैं. एक बार दुनिया नष्ट करने के लिए 300-500 बम काफी, तो अमेरिका के पास 150 गुना ज्यादा क्षमता.
खतरा: अगर इस्तेमाल हुआ, तो 50% आबादी मर जाएगी. बाकी भुखमरी और ठंड से. लेकिन ट्रंप का कहना है कि ये चीन-रूस के टेस्टिंग का जवाब है.
परमाणु बम इंसानियत का सबसे बड़ा दुश्मन हैं. बी83 जैसे बम एक शहर को मिनटों में राख कर सकते हैं. त्सार बोंबा जैसा तो पूरे देश को. अमेरिका की ताकत डरावनी है, लेकिन ये सबके लिए खतरा है.
ऋचीक मिश्रा