भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’, समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन होंगे और मजबूत

भारतीय नौसेना को विशाखापट्टनम में पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’ मिला. 118 मीटर लंबा यह जहाज 300 मीटर गहराई तक डाइविंग और 1000 मीटर तक रेस्क्यू ऑपरेशन कर सकता है. 75% स्वदेशी सामग्री से बना ‘निस्तार’ पनडुब्बी आपातकाल में बचाव के लिए है.

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ये है भारतीय नौसेना का डाइविंग सपोर्ट वेसल निस्तार. (फोटोः Indian Navy) ये है भारतीय नौसेना का डाइविंग सपोर्ट वेसल निस्तार. (फोटोः Indian Navy)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

8 जुलाई 2025 को विशाखापट्टनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना को पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’ सौंपा. यह जहाज भारत में ही डिजाइन और बनाया गया है. यह गहरे समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ाएगा. 

‘निस्तार’ क्या है और क्यों खास है?

‘निस्तार’ एक ऐसा युद्धपोत है, जो गहरे समुद्र में गोताखोरी और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बनाया गया है. इसका नाम संस्कृत शब्द ‘निस्तार’ से आया है, जिसका मतलब है मुक्ति, बचाव या उद्धार. यह दुनिया के कुछ चुनिंदा नौसेनाओं के पास मौजूद खास तकनीक वाला जहाज है.

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  • आकार और वजन: यह जहाज 118 मीटर लंबा है और इसका वजन करीब 10,000 टन है.
  • खास उपकरण: इसमें आधुनिक डाइविंग उपकरण हैं, जो 300 मीटर गहराई तक सैचुरेशन डाइविंग (लंबे समय तक गहरे पानी में रहना) और 75 मीटर तक साइड डाइविंग ऑपरेशन कर सकते हैं.
  • रेस्क्यू की क्षमता: यह जहाज डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के लिए ‘मदर शिप’ का काम करता है. अगर किसी पनडुब्बी में आपातकालीन स्थिति हो, तो यह लोगों को बचाने में मदद करता है.
  • गहरे समुद्र में काम: इसमें रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) हैं, जो 1000 मीटर गहराई तक गोताखोरों की निगरानी और सैल्वेज ऑपरेशन (समुद्र से चीजें निकालना) कर सकते हैं.

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स्वदेशी तकनीक का कमाल

‘निस्तार’ को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है. इसे इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नियमों के अनुसार डिजाइन किया गया है. इस जहाज में 75% से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी है. यह भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल का शानदार उदाहरण है.

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‘निस्तार’ का महत्व

  • नौसेना की ताकत बढ़ी: ‘निस्तार’ भारतीय नौसेना को गहरे समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन करने की नई ताकत देगा। यह खासकर पनडुब्बी आपातकाल में बहुत जरूरी है. 
  • दुर्लभ क्षमता: दुनिया में बहुत कम नौसेनाओं के पास ऐसी तकनीक है. यह जहाज भारत को समुद्री रक्षा में और मजबूत बनाता है.
  • स्वदेशी गर्व: इस जहाज का निर्माण भारत में हुआ है, जो हमारी तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है.

कैसे काम करता है ‘निस्तार’?

‘निस्तार’ का मुख्य काम गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव कार्य करना है. अगर कोई पनडुब्बी समुद्र में फंस जाए या उसमें कोई खराबी हो, तो यह जहाज तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर सकता है. इसके ROVs समुद्र की गहराई में जाकर स्थिति का जायजा लेते हैं. जरूरी सामान या लोगों को बचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, यह जहाज समुद्र में डूबी चीजों को निकालने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है.

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भारत के लिए गर्व की बात

‘निस्तार’ का भारतीय नौसेना में शामिल होना एक बड़ा कदम है. यह न सिर्फ हमारी नौसेना को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब ऐसी उन्नत तकनीक अपने दम पर बना सकता है. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड और भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत ने इस सपने को हकीकत में बदला है.

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