सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक सप्ताह पहले पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद एक जवान को पकड़े जाने के मामले में पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है. इससे पहले दोनों ओर से अनजाने में सीमा पार करने की घटनाओं को तुरंत सुलझाया जाता था, लेकिन इस बार पाक सेना का रुख नकारात्मक है.
ऐसा पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण हो सकता है. सीमा सुरक्षा बल ने उस घटना की भी जांच शुरू की है, जिसमें 24वीं बटालियन के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को 23 अप्रैल को पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया था. बीएसएफ जवान ने फिरोजपुर जिले में अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर ली थी.
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स को एक विरोध पत्र भेजा गया है. उन्होंने जवान के ठिकाने और वापसी की तारीख के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है. दोनों पक्षों के बीच करीब 4-5 फ्लैग मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन उसकी वापसी के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. रेंजर्स के सेक्टर कमांडर को बीएसएफ ने एक विरोध पत्र दिया है.
उन्होंने बताया कि जवान को लाहौर-अमृतसर सेक्टर में रेंजर्स के बेस पर ले जाया गया है. वहां से जल्द ही उसे बीएसएफ को सौंपा जा सकता है. पाक रेंजर्स ने चुप्पी साध रखी है और न तो कोई विरोध पत्र जारी किया है और न ही उसकी स्थिति के बारे में बताया है. पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडल ने पिछले हफ्ते पूर्णम कुमार शॉ की तस्वीरें जारी की थीं.
इसमें वह आंखों पर पट्टी बांधे एक वाहन में बैठा हुआ था और एक पेड़ के नीचे खड़ा था. उसके पास राइफल, गोलियों से भरी मैगजीन, बेल्ट और जमीन पर अन्य सामान रखा हुआ था. जवान 'किसान गार्ड' का हिस्सा था, जिसे भारतीय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, जो सीमा पर बाड़ के पास अपनी जमीन जोतते हैं.
बीएसएफ जवान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा का गलत अनुमान लगाया और पास के एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए दूसरी तरफ चला गया. वहां से उसे पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया. इसी बीच जवान की गर्भवती पत्नी और बेटा सोमवार को पंजाब पहुंचे. वे लोग यूनिट के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वह जल्द ही वापस आ जाएंगे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "उनकी रिहाई के लिए प्रयास जारी हैं. संभवतः पहलगाम आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए पाकिस्तानी सेना अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है. इससे पहले दोनों तरफ से इस तरह की अनजाने में हुई क्रॉसिंग को जल्दी ही सुलझा लिया गया था." साहू पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा से हैं.
aajtak.in