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6 साल में मारुति ने रेल से भेजी 6.7 लाख कारें, गिनाए कई फायदे

aajtak.in
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
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देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बुधवार को बताया कि उसने पिछले 6 साल के दौरान 6.7 लाख कारों को रेल के जरिये दूसरों तक पहुंचाया है. इसमें साल दर साल 18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. (Photo: File)

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कंपनी के मुताबिक उसने रेलवे के जरिये पहली बार मार्च 2014 में कारें भेजी. रेलवे के जरिये नई कारों को उनके आपूर्ति लोकेशन तक भेजने से कंपनी ने करीब 3,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया है. (Photo: File)

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कंपनी के बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही 10 करोड़ लीटर फ्यूल की भी बचत हुई है. इससे कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले एक लाख ट्रक के चक्कर बचाए हैं. (Photo: File)

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मारुति ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उसने 1.78 लाख कारों को रेलवे के जरिये भेजा. जिसमें पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी की बढ़ोतरी रही है. यह संख्या कंपनी की वर्ष के दौरान हुई कुल बिक्री का 12 फीसदी है. (Photo: File)

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MSI के प्रबंध निदेशक और CEO केनिची आयुकावा ने कारें भेजने के लिए रेलवे का इस्तेमाल करने के बारे में कहा कि कारें भेजने की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमारी टीम ने बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक प्रवाह की जरूरत को महसूस किया. हमने यह महसूस किया कि न केवल विस्तार के लिए बल्कि जोखिम कम करने के लिए भी हमें सड़क माध्यम के अलावा दूसरे माध्यमों को देखना चाहिए. (Photo: File)

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शुरुआत में 125 कारें ले जाने की क्षमता के रेलवे वैगन का इस्तेमाल किया, उसके बाद डबल-डेकर रैक का इस्तेमाल शुरू हुआ जिसमें 265 कारें ले जाने की क्षमता होती है. इन रैकों के जरिये अब तक 1.4 लाख कारें भेजी जा चुकी हैं. अब कंपनी 27 रैक का इस्तेमाल कर रही है, इनमें प्रत्येक रैक में 318 कारें भेजी जा सकती हैं. (Photo: File)

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मारुति ने कहा है कि वह देश की पहली कार निर्माता कंपनी है जिसके पास ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस है. वर्तमान में कंपनी पांच टर्मिनल- गुरुग्राम, फारुखनगर, कठुवास, पाटली, डेट्रोज- से कारों की लोडिंग करती है. (Photo: File)

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