मार्केट शेयर घटेगा, दूसरी एयरलाइंस को स्पेस... 10% वाले एक्शन से IndiGo को ये 4 नुकसान

IndiGo Crisis खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और यात्री परेशान हैं, अब सरकार भी एयरलाइन पर लगातार सख्ती दिखा रही है और ऐसा फैसला ले लिया है जिसका सीधा असर इंडिगो के मार्केट शेयर पर देखने को मिलेगा.

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इंडिगो संकट पर सरकार सख्त (Photo: ITG) इंडिगो संकट पर सरकार सख्त (Photo: ITG)

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

इंडिगो संकट (IndiGo Crisis) जारी है और तमाम कोशिशों व दावों के बाद भी एयरलाइन का संचालन ठीक तरह से सुचारू नहीं हो सका है. बीते आठ दिनों से इस IndiGo Airline के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच सरकार ने सख्ती दिखाते हुए इंडिगो की 10% फ्लाइट में कटौती का निर्देश जारी किया था, तो अब एक और बड़ा फैसला लिया गया है. सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि IndiGo की कम की गई इन उड़ानों को दूसरे एयर ऑपरेटर्स को रीडिस्ट्रिब्यूट किया जाएगा, जो संकट में फंस इंडिगो के लिए एक और बड़ा झटका होगा और सीधा असर इसके मार्केट शेयर पर देखने को मिलेगा.  

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सरकार की सख्ती से मिलेगा सबक
सरकार द्वारा 10% कटौती वाले निर्देश के बाद अब सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इंडिगो की कम की गई उड़ानों को दूसरी एयरलाइंस को दिया जाएगा, यानी अन्य एयर ऑपरेटर्स को स्पेस मिलेगा. सरकार के इस रीडिस्ट्रिब्यूशन के फैसले से दरअसल, सभी एयरलाइन को एक कड़ा मैसेज जाएगा कि यात्रियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और इंडिगो जैसी स्थिति में सीधे उस एयरलाइन के मार्केट शेयर पर भी असर पड़ सकता है. 

उड़ानें री-डिस्ट्रिब्यूट क्यों?
इंडिगो की काटी गई उड़ानों को री-डिस्ट्रिब्यूट करने से यह असर होगा, कि यात्कियों के पास हवाई यात्रा करने के अधिक ऑप्शन होंगे और IndiGo के कैंसिलेशन के सिलसिले पर भी ब्रेक लगेगा. तरीके की बात करें, तो इंडिगो का 10% ऑप्स शेयर एयर इंडिया, स्पाइसजेट, अकासा और दूसरे भरोसेमंद ऑपरेटर्स को उनकी कैपेसिटी, फ्लीट कैपेसिटी और मौजूदा रिसोर्स के आधार पर दिया जा सकता है. सरकार के इस फैसले से एयरलाइन को 4 बड़े झटके लगेंगे.

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पहला झटका- रोज 220 फ्लाइट्स कट 
विमानन मंत्रालय ने मंगलवार की शाम हुई बैठक में इंडिगो एयरलाइन की 10% फ्लाइट्स में कटौती का निर्देश जारी किया था. इसमें IndiGo CEO पीटर एल्बर्स को तलब किया गया था. सरकार के इस फैसले से पड़ने वाले पहले बुरे असर की बात करें, तो मंत्रालय के इस फैसले का सीधा असर इंडिगो की रोजना उड़ने वाली करीब 2200 फ्लाइट्स पर पड़ेगा. यानी लगभग 220 फ्लाइट्स घट जाएंगी.

दूसरा झटका- मार्केट शेयर पर होगा असर
बीते आठ दिनों से जारी IndiGo संकट ने पहले ही एयरलाइन की साख को कमजोर करने का काम किया है, वहीं दूसरी ओर सरकार के सख्त फैसलों का सीधा असर उसके मार्केट शेयर पर भी देखने को मिल सकता है. दरअसल, इंडिगो एयरलाइन भारतीय एविएशन मार्केट में 65 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा प्लेयर है, लेकिन MoCA के फ्लाइट कट और री-डिस्ट्रिब्यूशन के फैसले से इंडिगो ऑपरेशस का 55-57% मार्केट शेयर प्रभावित होगा या करें घट जाएगा. 

तीसरा असर- एयरलाइन की इनकम पर असर 
सबसे ज्यादा मार्केट हिस्सेदारी के साथ भारतीय एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी इंडिगो एयरलाइन कमाई के मामले में भी हमेशा से आगे रही है, लेकिन हालिया संकट और फ्लाइट कटौती के सरकार के फैसले से सीधे इसकी कमाई पर असर देखने को मिलेगा. हर दिन 220 फ्लाइट्स कट और इन उड़ानों को दूसरे एयरलाइंस को दिया जाना IndiGo के लिए बड़ा झटका है. 

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चौथा असर- शेयर में आ सकती है और गिरावट
इंडिगो में आठ दिन से जारी संकट का असर पहले से ही इसकी पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के शेयर पर देखने को मिल रहा है और बीते 5 कारोबारी दिनों में ही ये 12 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है और इसका मार्केट कैप 1.89 लाख करोड़ रुपये तक आ गया. अब सरकार की सख्ती बढ़ने से इसमें और गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, जिससे IndiGo Share में पैसे लगाने वाले भी प्रभावित होंगे.

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