कारों की तरह ट्रकों और इलेक्ट्रिक रिक्शा को भी मिलेगी सेफ्टी रेटिंग: नितिन गडकरी

Safety Ratings For Trucks: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, "जल्द ही ट्रकों और इलेक्ट्रिक रिक्शा को भी भारत NCAP के तर्ज पर सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी. इसके लिए योजना बनाई जा रही है.

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Nitin Gadkari- File Photo Nitin Gadkari- File Photo

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

अब तक आपने कारों के क्रैश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग के बारे में सुना होगा. लेकिन बहुत जल्द ही सरकार देश में चलने वाले ट्रकों और इलेक्ट्रिक रिक्शा (E-Rickshaw) के लिए भी सेफ्टी रेटिंग का नियम लाने वाली है. कारों के के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) द्वारा दी जाने वाली सेफ्टी रेटिंग के तर्ज पर ही अब इन वाहनों को भी सेफ्टी रेटिंग मिलेगी. इस बात का ऐलान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया है.

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न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (जीएनसीएपी) और इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित व्हीकल एंड फ्लीट सेफ्टी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "जल्द ही ट्रकों और इलेक्ट्रिक रिक्शा को भी भारत NCAP के तर्ज पर सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी. इसके लिए योजना बनाई जा रही है. इसका उद्देश्य निर्माताओं को उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वाहन अधिक सुरक्षित बन सकें.

ई-रिक्शा होंगे सुरक्षित...

उन्होंने कहा कि "इसी तरह सरकार पहले से ही देश में बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा के लिए मानकों और सेफ्टी स्टैंडर्ड सिस्टम पर काम कर रही है. क्योंकि ई-रिक्शा में सेफ्टी को लेकर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं. इससे ई-रिक्शा के सेफ्टी और क्वॉलिटी में सुधार होगा, जिससे लोग सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे और साथ ही और अधिक रोजगार पैदा होगा."

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सड़क दुर्घटनाओं के बारे में नितिन गडकरी ने कहा कि, "भारत में हर साल 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसके चलते 1.8 लाख लोगों की मौत हो जाती है. सरकार की प्राथमिकता सड़क सुरक्षा, सुरक्षित राजमार्गों का विस्तार, सुरक्षित वाहन और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है. मंत्रालय अगले कुछ वर्षों में लॉजिस्टिक्स लागत को वर्तमान 14-16% से घटाकर 9% करने पर भी काम कर रहा है क्योंकि ऑटोमोबाइल उद्योग भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है."

तय होगा ट्रक ड्राइवरों का समय...

गडकरी ने कहा कि, "सड़क मंत्रालय ट्रक ड्राइवरों के लिए काम के घंटे निर्धारित करने के लिए कानून पर भी काम कर रहा है. मौजूदा समय में वे दिन में 13-14 घंटे गाड़ी चलाते हैं. चूंकि देश ट्रक ड्राइवरों की कमी का सामना कर रहा है, इसलिए सरकार देश भर में 32 अत्याधुनिक ड्राइविंग संस्थान स्थापित करने की भी योजना बना रही है. मंत्रालय ने ट्रकों के केबिन में एयर कंडिशन (AC) की सुविधा और एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) को पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है."
 

 

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