Eucalyptus Farming: भारत में पिछले कुछ सालों में किसानों के बीच जागरूकता में तेजी से इजाफा हुआ है. अब वे पारंपरिक खेती से इतर नए जमाने की फसलों की भी किसानी करने लगे हैं. इसके अलावा किसानों के बीच मुनाफेदार पौधों की खेती का भी चलन तेजी से बढ़ा है. इसी तरह का एक पौधा है सफेदा, जिसकी खेती कर किसान आराम से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
सफेदा (यूकेलिप्टस) की लकड़ी की बाजार में भारी मांग है. इसकी लकड़ी से फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने के काम आता है. हालांकि इसकी खेती के दौरान किसानों को संयम बरतने की जरूरत है. ऐसा नहीं है कि इसके पौधे को लगाते ही आपका मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा. यह पौधा तकरीबन 8 से 10 साल में एक पेड़ के तौर पर विकसित होता है. जिसके बाद आप इसकी लकड़ियों को बेच कर आराम से 10 से 12 लाख रुपये कमा सकते हैं. समय के साथ ये मुनाफा बढ़कर 25 से 30 लाख भी हो सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर खेतों में पौधे सघन लगाए गए हैं तो इसकी लकड़ियों का उपयोग चौथे वर्ष से भी करना शुरू कर सकते हैं.
इसके पौधों को उन क्षेत्रों में लगाने की सलाह दी जाती है, जिन क्षेत्रों का तापमान तकरीबन 30 से 35 डिग्री के आसपास हो. साथ ही जिस खेत में आप सफेदा के पौधों को लगा रहे हैं वहां ठीक-ठाक जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए. पौधों के विकास के लिए दोमट मिट्टी में इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है.
सफेदा के पौधे लगाने के लिए सबसे पहले खेतों की जुताई कर लें. जुताई करने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से समतल कर लें. खेत समतल होने के बाद 5 फिट की दूरी पर एक फिट चौड़ाई और गहराई के गड्डे तैयार कर लें। प्रत्येक पंक्तियों के बीच 5 से 6 फिट की दूरी जरूर रखें. बता दें कि इस पौधे के बीच आप अंतरफसली फसलों की खेती कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
इस पौधे का देखभाल करना बेहद जरूरी होता है. अक्सर इस पौधे की खेती करने वाले किसान बताते हैं दीमक की वजह से इस फसल को बेहद नुकसान होता है. इसके अलावा पौधों में गांठ बनने की समस्या भी सामने आती है. ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह से किसानों समय-समय पर कीट और रोगों से रोकथाम के लिए उपाय तलाशने चाहिए.