अमेरिका के पेंसिलवेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले की दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने इस हमले के लिए वामपंथी विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में लिखा, 'अंतरराष्ट्रीय वामपंथ (Worldwide Left Ideology) की हताशा आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि आज वह अपनी हानिकारक विचारधारा को समाप्त होता देख रहा है. वह खुद को सत्ता में लाने के लिए लोकतंत्र को अस्थिर करने और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.'
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने ट्रंप पर हुए हमले की आलोचना करते हुए कहा- राजनीतिक बहस में...कुछ सीमाएं होती हैं जिन्हें कभी भी पार नहीं किया जाना चाहिए. यह सभी के लिए एक चेतावनी है कि वे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता की परवाह किए बिना, राजनीति में गरिमा और सम्मान बहाल करने का प्रयास करें. हमारे लोकतंत्रों की भलाई के लिए सभी प्रकार की नफरत और हिंसा के खिलाफ एकजुट हों. मैं डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों के साथ एकजुटता व्यक्त करती हूं. गोलीबारी में जान गंवाने वाले और घायलों व उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है.
मेरे मित्र ट्रंप पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं: PM मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, 'मेरे मित्र, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं. घटना की कड़ी निंदा करता हूं. राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतक के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के साथ हैं.' जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा- हमें लोकतंत्र को चुनौती देने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए. मैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, मॉस्को यह नहीं मानता कि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास के लिए जिम्मेदार है, हालांकि उसने ऐसा माहौल बनाया जिसने इस हमले को उकसाया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केर स्टार्मर ने कहा मैं राष्ट्रपति ट्रंप की रैली में हुई गोलीबारी की घटना से स्तब्ध हूं. किसी भी रूप में राजनीतिक हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और मेरी संवेदनाएं इस हमले के सभी पीड़ितों के साथ हैं.' कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, 'मैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर गोलीबारी से आहत हूं. राजनीतिक हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है. मेरी संवेदनाएं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप, उनकी रैली में शामिल लोगों और सभी अमेरिकियों के साथ हैं.'
हिंसा के ऐसे कृत्यों से लोकतंत्र को खतरा: ओलाफ स्कोल्ज
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास हुआ है. मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं. मैं उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं देता हूं. रैली में आए एक दर्शक की मौत हो गई, कई घायल हो गए. यह हमारे लोकतंत्रों के लिए एक त्रासदी है. इस घटना को लेकर अमेरिकी लोगों दुख और आक्रोश को फ्रांस साझा करता है.' जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप पर हुआ हमला... घृणित है. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ भी हैं जो हमले से प्रभावित हुए हैं. हिंसा के ऐसे कृत्यों से लोकतंत्र को खतरा है.'
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, 'ये सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप पर हमला नहीं था. यह संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार पर हमला था. ये अमेरिका पर हमला था. यह लोकतंत्र पर हमला था, यह सभी लोकतंत्रों पर हमला था. मैं मेरे परिवार, सरकार और इजरायल के लोगों की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.' ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने कहा, 'घटना चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. मुझे यह खबर सुनकर राहत मिली है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप अब सुरक्षित हैं.'
हिंसा का बोलबाला नहीं होना चाहिए: वोलोदिमीर जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, 'ऐसी हिंसा का दुनिया में कहीं भी कोई औचित्य नहीं है और कोई जगह नहीं है. कभी भी हिंसा का बोलबाला नहीं होना चाहिए. मुझे यह जानकर राहत मिली है कि डोनाल्ड ट्रंप अब सुरक्षित हैं और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा, 'हम विरोधी रहे हैं, लेकिन मैं राष्ट्रपति ट्रंप के स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना करता हूं.' ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हमले को राजनीति में लोकतंत्र और संवाद के सभी रक्षकों द्वारा दृढ़ता से अस्वीकार किया जाना चाहिए. आज हमने जो देखा वह अस्वीकार्य है.'