संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव के एक बयान पर तालिबान भड़क गया है. तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने UN प्रमुख के उस बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं से संबंधित फैसलों को "मूर्खतापूर्ण" बताया था. मुजाहिद ने UN प्रमुख के शब्दों को "लापरवाह" करार दिया है.
प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान जारी कर कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र महासचिव की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं को लेकर लिए गए फैसलों को 'मूर्खतापूर्ण' बताया."
उन्होंने आगे कहा कि UN प्रमुख को अपने शब्दों के अर्थ को समझना चाहिए और इस तरह की लापरवाही भरी भाषा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
शरीयत पर समझ बढ़ाने की दी नसीहत
मुजाहिद ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए कानून और दिशा-निर्देश इस्लामी शरिया पर आधारित हैं और उसी के अनुरूप हैं. उन्होंने कहा, "अगर किसी को शरिया कानूनों का व्यक्तिगत रूप से ज्ञान नहीं है, तो यह उसकी अपनी अज्ञानता है. दूसरों पर आरोप लगाने के बजाय, उन्हें पहले अपनी समझ को पूरा करना चाहिए."
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मुजाहिद के इस बयान को अफगानिस्तान की मौजूदा सत्ता व्यवस्था के उस दृष्टिकोण के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें तालिबान बार-बार यह दावा करता आया है कि उसके फैसले “इस्लामी सिद्धांतों” पर आधारित हैं.
यह बयान ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों, विशेष रूप से उनकी शिक्षा और काम करने के अधिकारों को लेकर तालिबान शासन की लगातार आलोचना कर रहे हैं.