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सऊदी अरब में महिलाओं से ज्यादा आजादी 'सोफिया' के पास

सऊदी अरब में महिलाओं को हिजाब पहनना आवश्यक होता है. इसके बिना वे सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूम सकती. लेकिन, सोफिया के मामले में ऐसी अनिवार्यता नहीं होगी. कार्यक्रम में अपने संबोधन में सोफिया ने कहा था कि यह ऐतिहासिक है कि जब किसी दुनिया में पहली बार किसी देश ने रोबोट को नागरिकता प्रदान की है. 

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रोबोट सोफिया को सऊदी ने दी नागरिकता
रोबोट सोफिया को सऊदी ने दी नागरिकता

सऊदी अरब के शहर रियाद में सोमवार को सोफिया पहली बार पब्लिक के सामने आई. सऊदी सरकार ने सोफिया को एक नागरिक का दर्जा दिया है. दरअसल सोफिया कोई नागरिक नहीं है, बल्कि यह एक रोबोट हैं, जिसे सऊदी सरकार ने नागरिक का दर्जा दिया है. सोफिया को यह नागरिकता सऊदी के फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव के तहत दिया गया है.

सैकड़ों की संख्या में मौजूद डेलीगेट्स के सामने नागरिकता मिलते ही सोफिया इंटरनेट पर सनसनी बनके उभरी. लेकिन, सोफिया को नागरिकता दिए जाने के बाद हजारों लोगों ने उसके अधिकारों पर सवाल करने शुरू कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि इस देश में महिला से ज्यादा सोफिया के पास अधिकार हैं. ऐसा क्यों?

दरअसल बता दें कि सऊदी अरब में महिलाओं को हिजाब पहनना आवश्यक होता है. इसके बिना वे सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूम सकती. लेकिन, सोफिया के मामले में ऐसी अनिवार्यता नहीं होगी. कार्यक्रम में अपने संबोधन में सोफिया ने कहा था कि यह ऐतिहासिक है कि जब किसी दुनिया में पहली बार किसी देश ने रोबोट को नागरिकता प्रदान की है.  

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यही नहीं सऊदी अरब में किसी सार्वजनिक स्थान पर घूमते हुए किसी भी महिला के साथ उसका एक परिचित पुरुष होना चाहिए. कम से कम उसे परिवार का करीबी होना चाहिए ताकि वह महिला की बिनाह पर किसी भी तरह की जरूरत को अंजाम दे सके.

ट्विटर एक यूजर ने लिखा कि सोफिया को कोई गॉर्जियन नहीं है, वह हिजाब नहीं पहनती है. वह पब्लिक प्लेस पर कैसे आ सकती है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि स्पीड और कुशलता को देखते हुए सोफिया को नागरिकता दी गई है.

बता दें कि सोफिया को हांगकांग की कंपनी हैंसन रोबोटिक्स ने डिजाइन किया है. उसे नागरिकता मिलने के बाद सऊदी में महिलाओं की स्थिति पर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है.

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