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भारत से तनाव के बीच ट्रूडो के लिए आई बुरी खबर, कनाडाई PM की रेस में विपक्षी नेता से पिछड़े

कनाडा के ग्लोबल न्यूज के लिए IBSO ने किए सर्वे में सामने आया है कि कनाडा के लोग विपक्षी नेता पियरे पोइलिव्रे को पीएम के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार के रूप में देखते हैं. सर्वे में 39% लोगों ने उन्हें पीएम पद के लिए योग्य माना है. जबकि ट्रूडो के पक्ष में सिर्फ 30% वोट पड़े हैं.

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कनाडा के पीएम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो)
कनाडा के पीएम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो)

भारत से तनाव के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए बुरी खबर सामने आई है. अगले आम चुनाव से पहले कनाडाई मीडिया द्वारा किए गए सर्वे में ट्रूडो पीएम की रेस में पिछड़ते नजर आ रहे हैं. इस सर्वे के मुताबिक, कनाडा के लोग अगले चुनाव में पीएम पद के लिए ट्रूडो की तुलना में विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे को ज्यादा योग्य मानते हैं. 

कनाडा में 2025 में आम चुनाव होने हैं. लेकिन उससे पहले आया ये सर्वे ट्रूडो और उनकी लिबरल पार्टी की टेंशन बढ़ाने वाला है.  कनाडा के ग्लोबल न्यूज के लिए IBSO ने किए सर्वे में पता चलता है कि कनाडा के लोग विपक्षी नेता पियरे पोइलिव्रे को पीएम के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार के रूप में देखते हैं. सर्वे में 39% लोगों ने उन्हें पीएम पद के लिए योग्य माना है. जबकि ट्रूडो के पक्ष में सिर्फ 30% वोट पड़े हैं.

ये सर्वे ऐसे वक्त पर आया, जब भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तल्खी बढ़ी हुई है. जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा का नागरिक बताते हुए उसकी हत्या में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ होने का आरोप लगाया है. वहीं, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. वहीं, भारत ने जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को पूर्वाग्रह और राजनीति से प्रेरित करार दिया. 

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ट्रूडो का सियासी टूल किट फेल

माना जा रहा है कि ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के आरोप को सियासी टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है. दरअसल, ट्रूडो को 2021 चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. उनकी सरकार को खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह धालीवाल के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने समर्थन दिया था. एनडीपी की मदद से ही ट्रूडो की सरकार चल रही है.

बताया जा रहा है कि जगमीत सिंह के दबाव में ही ट्रूडो ने भारत पर इस तरह के आरोप लगाए हैं. लेकिन ट्रूडो का सियासी टूल फेल साबित नजर आ रहा है. दरअसल, ट्रूडो ने कनाडा की संसद से भारत पर गंभीर आरोप तो लगाए, लेकिन अभी तक भारत को कोई सबूत नहीं सौंपा है. वहीं, भारत की ओर से कनाडा में पनाह लेने वाले खालिस्तानी आतंकियों और पंजाबी गैंगस्टर के खिलाफ ट्रूडो सरकार को सबूत सौंपे हैं. हालांकि, अभी तक ट्रूडो सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है. 

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