पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू के दौरान भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि 'अफगान हमेशा भारत के वफादार रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ-कल भी, आज भी और कल भी रहेंगे.' उनका यह बयान तब आया है जब हाल के समय में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.
भारत की यात्रा पर अफगान विदेश मंत्री
उन्होंने पाकिस्तान की पूर्व सरकारों की भी आलोचना की और कहा कि अफगान शरणार्थियों को देश में बसाने का फैसला अमेरिका के दबाव में लिया गया था. जब पाक रक्षा मंत्री यह बयान दे रहे हैं तब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं. जाहिर सी बात है कि भारत और अफगानिस्तान की नजदीकियां पाकिस्तान को बिल्कुल रास नहीं आ रही हैं.
'हमारा सब्र जवाब दे चुका है'
इससे पहले पाक नेशनल असेंबली में बोलते हुए ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, 'बस... अब बहुत हो गया, हमारा सब्र जवाब दे चुका है. अफगान जमीन से होने वाला आतंकवाद अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
आसिफ ने दावा किया कि करीब तीन साल पहले वे और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी काबुल गए थे और वहां मौजूद आतंकियों से अपने ठिकाने बंद करने को कहा था, लेकिन अफगान प्रशासन ने कोई ठोस भरोसा नहीं दिया.
तालिबान से नाराजगी की वजह
उन्होंने कहा, 'हमने अफगान अधिकारियों को कहा था कि आपकी जमीन पर करीब 6 से 7 हजार ऐसे लोग रह रहे हैं जो पाकिस्तान के लिए खतरा हैं.' आसिफ ने यह भी कहा कि काबुल ने उन लोगों को वहीं रखने के लिए 'वित्तीय समझौते' का सुझाव दिया था. रक्षा मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान ने अफगान अधिकारियों से यह गारंटी मांगी थी कि ये लोग पाकिस्तान वापस नहीं आएंगे, लेकिन अफगानिस्तान ने ऐसा कोई आश्वासन देने से इनकार कर दिया.