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हद है! पाकिस्तान को चीन ने दे दी आतंकवाद विरोधी समूह की अध्यक्षता, भारत ने घेरा

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने पाकिस्तान को अपने क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (SCO-RATS) का अध्यक्ष बनाया है. RATS की उसी बैठक में पहलगाम हमले की भी निंदी की गई. भारत ने हमले के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा.

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पाकिस्तान को आतंक विरोधी समूह का चेयरमैन बनाया गया है (Photo: Reuters)
पाकिस्तान को आतंक विरोधी समूह का चेयरमैन बनाया गया है (Photo: Reuters)

दुनियाभर में आतंकवाद के लिए बदनाम पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (SCO-RATS) का अध्यक्ष बना दिया गया है. चीन के प्रभुत्व वाले इस संगठन ने बुधवार को यह फैसला लिया. फैसले के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की शपथ ली.

पाकिस्तान को आतंक-विरोधी स्ट्रक्चर का अध्यक्ष बनाया जाना बेहद ही हास्यापद है क्योंकि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले और फिर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और आतंक की सांठ-गांठ का नजारा पूरी दुनिया ने देखा था. हालांकि, एससीओ के तहत आने वाले इस समूह की अध्यक्षता बारी-बारी से हर देश को दी जाती है और इस बार यह जिम्मेदारी पाकिस्तान को मिली है.

पाकिस्तान को RATS का अध्यक्ष बनाने का फैसला किर्गिस्तान के चोलपोन-अता में RATS परिषद की 44वीं बैठक में लिया गया. इसे लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'पाकिस्तान ने 2025-26 के लिए शंघाई सहयोग संगठन के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे की अध्यक्षता संभाली है.'

पाकिस्तान ने RATS परिषद के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान आपसी विश्वास, समानता और साझा जिम्मेदारी निभाएगा और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा.

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आतंक स्पॉन्सर पाकिस्तान के सामने ही RATS में पहलगाम हमले की निंदा

RATS ने पहलगाम हमले की निंदा की और इसी हमले के स्पॉन्सर पाकिस्तान को अध्यक्ष बना दिया. निंदा के समय भारत ने आतंकवाद से लड़ने को लेकर दोहरे रवैये का विरोध भी किया.

विरोध करते हुए भारत के डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टी.वी. रविचंद्रन ने कहा कि पहलगाम हमले के स्पॉन्सर, ऑर्गेनाइजर और इसे फंडिंग देने वाले को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. उनका इशारा सीधे-सीधे पाकिस्तान की तरफ था.

डिप्टी एनएसए ने कहा, 'हमें आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये से किनारा करना होगा और हर तरह के आतंकवाद से लड़ना होगा.' 

पहलगाम में पाकिस्तान स्पॉन्सर हमला और ऑपरेशन सिंदूर

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद का पुराना इतिहास रहा है. पाकिस्तान ने इस साल भी ऐसी ही हिमाकत की और 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमला किया. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कम से कम 17 लोग घायल हुए थे. इस हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POK) स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.

पाकिस्तान की पनाह में रह रहे आतंकियों के मारे जाने पर बौखलाए शहबाज शरीफ सरकार ने भारत पर जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हुआ जो लगभग चार दिनों तक चला.

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इस दौरान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने खुद एक अंतरराष्ट्रीय चैनल से बात करते हुए स्वीकार किया था कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी समूहों का समर्थन करता आया है. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी इस बात को स्वीकार किया था.

पाकिस्तान की हरकतों की वजह से मजबूत नहीं हो पाया है RATS

ताशकंद स्थित RATS का गठन SCO सदस्यों के बीच आतंकवाद-रोधी, अलगाववाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी कोशिशों में समन्वय स्थापित के लिए किया गया था. इसका काम खुफिया जानकारी साझा करना, प्रतिबंधित समूहों का डेटाबेस तैयार करना, संयुक्त अभ्यास, प्रत्यर्पण व्यवस्था और संयुक्त ऑपरेशन शामिल हैं.

लेकिन यह संगठन अक्सर राजनीतिक तनावों के कारण सही से काम नहीं कर पाया है, खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर. दोनों देशों के बीच कश्मीर विवाद और भारत में पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद ने इस संगठन को कमजोर किया है.

भारत 2022 में इस संगठन का अध्यक्ष चुना गया था. इस दौरान साझा खुफिया डेटाबेस का विस्तार नहीं हो पाया था क्योंकि इसे लेकर कई असहमतियां थीं और पाकिस्तान लगातार आड़े आ रहा था.

2023 और 2025 की बैठकों में भी दोनों देशों ने सबके सामने आतंकवाद को लेकर एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार की थी जिसके बाद पाकिस्तान को बचाने के लिए चीन को बीच में आना पड़ा था.

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विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद और इस तरह के विवादों ने आरएटीएस की तटस्थता को खत्म कर दिया है और संगठन की क्षमता सीमित हो गई है. 

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