उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन एक बार फिर से जंग के मूड में आ गया है. अमेरिका द्वारा गैर कानूनी तरीके से कोयले की खेप ले जा रहे मालवाहक जहाज को सीज करने की घोषणा करने के बाद किम जोंग उन ने सख्त तेवर अख्तियार किया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच दूसरी वार्ता रद्द होने के बाद से ही यह तनाव बढ़ रहा है. दोनों के बीच फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में दूसरी बार मुलाकात और वार्ता होनी थी, लेकिन मतभेदों के चलते नहीं हो पाई.
अमेरिका ने उत्तर कोरिया से परमाणु हथियारों को नष्ट करने की मांग की थी और उत्तर कोरिया ने प्रतिबंध हटाने की मांग की थी. इसको लेकर दोनों के बीच बात नहीं बनी और उत्तर कोरिया फिर से अपने पुराने रुख पर लौट आया है. अब उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने एक बार फिर से अपनी सेना को हमला करने की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया है.
उत्तर कोरिया की कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने सेना से सीमा पर युद्ध और किसी भी आपातकाल परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने किम जोंग उन के हवाले से कहा कि देश की शांति और सुरक्षा की गारंटी सिर्फ मजबूत सैन्य शक्ति से ही संभव है. सैन्य शक्ति के जरिए ही देश की संप्रभुता की सुरक्षा की जाती है. लिहाजा उत्तर कोरिया ने हमला करने की क्षमता बढ़ाने के लिए अहम टास्क तय किए हैं.
गुरुवार को उत्तर कोरिया ने कम दूरी तक मार करने वाली दो मिसाइलों का परीक्षण करके अमेरिका और दक्षिण कोरिया को साफ संकेत दे दिया था कि वो फिर से अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाएगा. इससे पहले नवंबर 2017 में उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी तक मार करने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था.
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण करना इस बात का साफ संकेत है कि वह नए हथियार विकसित करने को लेकर गंभीर है. वो इन नए हथियारों का इस्तेमाल जंग में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खिलाफ करेगा.