नेपाल में राष्ट्रव्यापी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. अब एक नई अंतरिम सरकार नेपाल की बागडोर संभालने जा रही है. इस बीच नए प्रधानमंत्री के दफ्तर का पता भी बदल जाएगा, क्योंकि Gen-Z ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान नेपाल के ऐतिहासिक और राजनैतिक गौरव कहे जाने वाले सिंह दरबार को भी आग के हवाले कर दिया था. अब नए प्रधानमंत्री के लिए बागीखाना में स्थित गृह मंत्रालय के निर्माणाधीन भवन में अस्थायी दफ्तर तैयार किया गया है. यह भवन महानगरीय ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के प्रवेश द्वार के पास है
दफ्तर में आधुनिक फर्नीचर, सिक्योरिटी सिस्टम और आवश्यक सुविधाएं स्थापित कर दी गई हैं. पुराने गृह मंत्रालय को हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान की गई आगजनी में नुकसान पहुंचने के कारण इसे शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में स्थानांतरित करने की योजना है, जबकि शिक्षा मंत्रालय को केशर महल में शिफ्ट किया जाएगा. मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल के नेतृत्व में एक टीम ने सिंह दरबार की समीक्षा की, जिसके बाद तय हुआ कि इस भवन में बड़े स्तर पर मरम्मत की जरूरत है. आर्यल ने कहा कि जल्द ही सिंह दरबार में फिर से प्रशासनिक कार्य शुरू हो जाएंगे.
सिंह दरबार नेपाल सरकार का मुख्यालय था, जहां प्रधानमंत्री और सभी मंत्रियों के कार्यालय स्थित थे. यहीं से सारे प्रशासनिक निर्णय होते थे. पुराने सिंह दरबार (सरकारी मुख्यालय) को प्रदर्शनकारियों द्वारा आग के हवाले कर दिए जाने के बाद यह नया दफ्तर तत्कालिक व्यवस्था का प्रतीक बनेगा. नेपाल में नई सरकार के गठन को लेकर राष्ट्रपति भवन में बैठकों का दौर जारी है. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार को सेनाध्यक्ष जनरल अशोक राज सिगडेल छेत्री के साथ बैठक की. वह अलग-अलग समूहों के साथ बैठक कर रहे हैं. GEN-Z प्रतिनिधियों के साथ भी उनकी बैठक हुई.
राष्ट्रपति के सलाहकारों की टीम सभी राजनीतिक दलों, संविधान विशेषज्ञों से परामर्श ले रही है. मौजूदा संसद को भंग करने के प्रस्ताव पर अभी तक सहमति नहीं बनी है. राजनीतिक दल संसद भंग नहीं करने पर अड़े हैं. नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व सीईओ कुलमन घीसिंग और धरान के मेयर हरका सम्पांग उन नामों में शामिल हैं, जिन्हें देश की कमान सौंपने की चर्चा चल रही है. हालांकि, किसी भी नाम पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
नेपाल में 8 और 9 सितंबर को Gen-Z के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों में 51 लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों घायल हुए. मरने वालों में एक भारतीय नागरिक, तीन पुलिसकर्मी और अन्य नेपाली नागरिक शामिल हैं. नेपाल पुलिस के वरिष्ठ महानिरीक्षक (SSP) रमेश थापा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इस बीच नेपाल पुलिस ने सार्वजनिक अपील जारी करते हुए देशभर में हुई हिंसा, आगजनी और लूटपाट के वीडियो पुलिस को भेजने का आग्रह किया है. पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.