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Gen-Z आंदोलन में तबाह हुआ नेपाल का टूरिज्म! होटलों की बुकिंग में भारी गिरावट, जानें ताजा हालात

नेपाल में जेन-जी आंदोलन के कारण केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई है जिससे देश में अस्थिरता बढ़ गई है. इस अस्थिरता के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है, जिससे होटल बुकिंग में 50% की गिरावट आई है. आम जनता भी महंगाई से काफी परेशान है.

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नेपाल में जेन-जी आंदोलन से भारी अव्यवस्था फैली है (Photo: Reters)
नेपाल में जेन-जी आंदोलन से भारी अव्यवस्था फैली है (Photo: Reters)

नेपाल में जेन-जी आंदोलन ने केपी शर्मा ओली की सरकार का तख्तापलट कर दिया है. आंदोलन तो सफल रहा है लेकिन देश में अस्थिरता बहुत बढ़ गई है. आम लोगों को भारी अराजकता की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जहां न सरकार है न पुलिस और फिलहाल देश आर्मी संभाल रही है. इस बीच नेपाल की टूरिज्म इंडस्ट्री को भारी झटका लगा है जो कि देश की जीडीपी में अहम योगदान करता है. जीडीपी में तकरीबन 7 फीसद का योगदान देने वाले टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ी मार से होटल इंडस्ट्र्री भारी घाटे में है. होटल बुकिंग में 50% की गिरावट से होटल मालिकों में भारी चिंता है.

ग्राउंड पर मौजूद आजतक के रिपोर्टर्स ने बताया कि नेपाल में होटलों की बुकिंग पहले से आधी कम हो गई है. आंदोलन से पहले नेपाल में बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे थे जो कि होटलों में ठहरते थे, लेकिन अब यह संख्या 50 फीसदी से भी कम हो गई है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि होटल मालिकों और मैनेजर गहरी चिंता में हैं.

महंगाई से परेशान नेपाल के लोग

नेपाल के लोग अचानक बढ़ी बेतहाशा महंगाई से परेशान हैं क्योंकि आंदोलन की वजह से लैंडलॉक्ड नेपाल के बॉर्डर बंद हैं और सप्लाई बिल्कुल रुक गई है.

नेपाल में आजतक की टीम ग्राउंड पर है जिसने बताया कि नेपाल में चावल, दाल और खाना पकाने वाले तेल जैसे जरूरी सामान महंगे हो गए हैं. वजह- स्टॉक का काम होना. बॉर्डर सील होने की वजह से सामान की सप्लाई में दिक्कत हो रही है और लोग मजबूरी में ऊंचे दामों पर जरूरी सामान खरीदने को मजबूर हैं.

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NEPAL में फर्नीचर और फर्निशिंग बिजनेस पर संकट, बढ़ी चिंता

नेपाल में फर्नीचर और फर्निशिंग बिजनेस भी आंदोलन से काफी प्रभावित हुआ है. कारोबारी अपने पुराने स्टॉक से काम चला रहे हैं क्योंकि सप्लाई रुक गई है. कई कारोबारी अपने स्टाफ को सैलरी भी नहीं दे पा रहे हैं. 

जेन-जी आंदोलन भी ऐसे वक्त में हुए हैं जब नेपाल में त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है. नेपाल के एक बिजनेसमैन अतुल वैश्य आजतक से बातचीत में कहते हैं, 'दशहरा नेपाल में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन मौजूदा हालात में बिजनेस जगत के सामने भारी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. आगे स्थिति सुधरेगी या नहीं, इसे लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है.

नेपाल का युवा वर्ग लंबे समय से महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार से नाराज चल रहा था. युवाओं का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट ही रहा था कि केपी शर्मा ओली की सरकार ने इसी महीने की शुरुआत में 26 सोशल मीडिया ऐप्स को बैन कर दिया.

इससे गुस्साए युवा इस सोमवार सड़क पर उतर आए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने और प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की और इससे पैदा हुई हिंसा में कम से कम 20 लोग मारे गए. इससे नाराज युवाओं ने मंगलवार को भारी हिंसा की जिसमें नेताओ, मंत्रियों के घर और देश का संसद भवन तक जला दिया गया.

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ओली सरकार का तख्तापलट हो गया और अब नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने की कवायद चल रही है. इस बीच नेपाल में अभी भी हर तरफ हिंसा के निशान नजर आ रहे हैं.

बीरगंज महानगरपालिका में साफ किया जा रहा मलबा

2 दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने बीरगंज में स्थित महानगरपालिका के ऑफिस को पूरी तरीके से आग के हवाले करके ध्वस्त कर दिया था. आज तक की टीम वहां पहुंची तो देखा कि ऑफिस में कोई चीज साबुत नहीं बची है और हर तरफ कालिख है, सब जल चुका है. ऑफिस के सारे शीशे टूटे हुए हैं सभी फाइलें, डॉक्यूमेंट्स पूरी तरीके से नष्ट हो चुके हैं. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अब मलबा साफ करने का काम में लगी है.

नगर निगम के दफ्तर के ठीक पीछे खड़ी दर्जन भर नगरपालिका की गाड़ियों को भी आग लगा दी गई थी जिसमें सब कुछ जलकर खाक हो चुका है. 

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